हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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छाया- उमेश गर्ग।
अम्बाला:- अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद कर्नाटक इकाई द्वारा 5 जून को ऑनलाइन राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी संपन्न हुआ। इस काव्य गोष्ठी में परम श्रद्धेय श्री गुरु जी गौतम ऋषि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौशाला अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली इनका दिव्य सानिध्य प्राप्त हुआ। गुरुजी ने अपने आश्रमों में कहा कि आज समय की यही मांग है कि सब लोग मिलकर पर्यावरण की रक्षा करें नहीं तो जीवन पर बहुत बड़े संकट आ जाएंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण मिश्रा जो राष्ट्रीय चेयरमैन एवं संस्थापक हैं अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हम लोगों का परम कर्तव्य है कि हर एक व्यक्ति एक पेड़ लगाए और उसकी रक्षा करें। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मेहता नगेंद्र सिंह जी जो भूवैज्ञानिक पर्यावरणविद एवं हिंदी साहित्यकार हैं तथा हरित वसुंधरा पत्रिका के संपादक भी हैं। उन्होंने अपने भक्तों में कहा कि जब तक पर्यावरण शुद्ध है जब तक इस धरती पर पेड़ हैं तब तक हम लोग जिंदा रहेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत बेलगांव कर्नाटक से प्रोफेसर मनीषा नाडगौडा जी की सु मधुर गणेश जी की प्रार्थना से हुई। बेंगलुरु से डॉक्टर वीणा गुप्ता में जिनी जी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ सुनील कुमार परीट जी ने सभी अतिथियों का प्रतिभागी कवियों का एवं श्रोताओं का स्वागत किया। हुबली कर्नाटक से डॉ. गायत्री खंडाटे जी ने सभी अतिथियों का एवं कवियों का परिचय दिया।
कार्यक्रम में श्री नंद सारस्वत बेंगलुरु, प्रोफेसर शरद नारायण खरे मध्य प्रदेश, डॉ. रेखा शर्मा अंबाला, श्री अनिल शर्मा अनिल, श्री संजय जैन मुंबई, मंजू लगोटे मनीषा मध्य प्रदेश, डॉ. कीर्तिवर्धन मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, श्री अशोक गोयल पिलखुआ, कृष्णा जोशी इंदौर, और श्री शैलेश सिंह शैली हरियाणा ऐसे 10 श्रेष्ठ राष्ट्रीय कवियों ने मंच पर पर्यावरण से संबंधित अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर मंच को प्रफुल्लित किया। सभी प्रतिभागी कवियों को राष्ट्रीय पर्यावरण साहित्य सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी दर्शकों को प्रमाण पत्र दिया गया।
कर्नाटक से डॉ. सरोजा मेटी लोडाय जी ने सभी अतिथियों का एवं सभी प्रतिभागी कवियों का और सभी श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। आदरणीय डॉ. वसुधा कामत जी ने बहुत ही सुंदर एवं सुचारु रुप से मंच का संचालन किया। कार्यक्रम का संयोजन अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार परीट जी ने किया। कार्यक्रम संगठन में डॉ. मलकपपा आलियास महेश जी ने सहयोग दिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई।