उत्तराखंड:सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने नही उठाया अतिरिक्त राशन, एक लाख से अधिक ग्राहकों को राशन का इंतजार


प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

हल्द्वानी। कोविड महामारी से उपजे हालात के बीच राहत के तौर पर दिया जाने वाला राशन लोगों तक नहीं पहुुंच रहा। जिस राशन को मई से बंटना था, राशन डीलरों ने अभी तक उसका उठान नहीं किया है। ऐसे में सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही।
प्रदेश सरकार ने पिछले माह गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के परिवारों को तीन महीन तक 20 किलो राशन देने का निर्णय लिया था। इससे पहले ढाई किलो चावल व पांच किलो गेहूं (7.5 किलो राशन) दिया जाता रहा है। अधिकांश राशन डीलर अभी भी साढ़े सात किलो राशन दे रहे। नैनीताल जिले में एक लाख से अधिक एपीएल कार्डधारक हैं। गल्ला विक्रेता अतिरिक्त राशन को अलग से बांटने की बात कर रहे। सवाल ये है कि मामूली राशन के लिए ग्राहकों को अलग चक्कर लगाना होगा।
गोदाम में जगह नहीं होने का बहाना
राशन नहीं बांटने के पीछे गोदाम में राशन स्टोर करने के लिए जगह नहीं होने को वजह बताया जा रहा है। पूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिकायत उन तक पहुंची है। गोदाम में जगह नहीं होने पर किसी को जबरन राशन उठाने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता। बारिश से राशन खराब हो सकता है।
सरकारी चीनी भी हो गई फीकी
सरकार की ओर से कहा गया था कि इस बार राशन कार्ड धारकों को दो किलो चीनी भी दी जाएगी। इसका मूल्य 25 रुपए किलो होगा। बाजार में चीनी 38 से 40 रुपये किलो है। चीनी नहीं बांटी गई है।
गरीबों के राशन में मिले कीड़े
गरीबों को मिलने वाले फ्री राशन में कीड़े मिलने की शिकायत आई है। हल्द्वानी के देवलचौड़ निवासी कुछ राशन कार्ड धारकों ने बताया कि गेहूं और चावल में पत्थर और कीड़े निकल रहे हैं। विभाग से इसकी शिकायत की गई है।
जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार बर्मन का कहना है कि गोदाम में जगह नहीं होने की वजह से कई सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने अतिरिक्त राशन नहीं उठाया है। ग्राहक को उसके हक से वंचित नहीं होने दिया जाएगा। राशन वितरित कराया जाएगा।
 

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