अयोध्या से ब्यूरो चीफ मनोज तिवारी की रिपोर्ट
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों पर लगे घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रेस रिलीज जारी किया है। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। कहा कि मंदिर के लिए खरीदी जा रहीं जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रहीं हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है।मन्दिर का परकोटा व रिटेनिंग वाल के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए मंदिर के आसपास की जमीनों को खरीदा गया। जो जमीन खरीदी गई वह खुले बाजार मूल्य से बहुत कम में खरीदी गई। उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेता गणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था उस भूमि को 18 मार्च को बैनामा कराया उंसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध हुआ। जो राजनीतिक लोग इस पर प्रचार कर रहे वह भ्रम फैला रहे जनता को गुमराह कर रहे। संबंधित व्यक्ति राजनैतिक है और राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित है।ट्रस्ट का कहना है कि सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने करीब 10 साल पहले ही बाग बिजेसर की जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक से खरीद ली थी। तब के हिसाब से इसका रेट दो करोड़ तय कर लिया था। इसकी रजिस्ट्री भी करा ली थी। जब मंदिर ने इस जमीन को खरीदने की इच्छा जताई तो सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने पाठक परिवार से इस जमीन का बैनामा तय रेट पर 18 मार्च 2021 को कराया। फिर उसे आज की रेट के हिसाब से मंदिर ट्रस्ट को बेचा। इसमें कहीं से भी कोई घोटाला और हेराफेरी नहीं है। ये केवल राम भक्तों को गुमराह करने के लिए साजिश है।120 80 वर्ग मीटर को वर्ग फुट में बदलिए, 130020 वर्ग फुट आएगा. इस हिसाब से तकरीबन 1325 रुपए प्रति वर्ग फुट कीमत आ रही है. आपको बेहतर पता है कि राम जन्मभूमि से 2 किलोमीटर की दूरी पर पूरी अयोध्या में कहीं भी इतने कम रेट पर जमीन नहीं मौजूद है. कहीं कोई घोटाला नहीं है।