आपदा में जेब हो रही ढीली, आम लोगों की मुसीबतें बढ़ीं
रसोई गैस ने किचन का बजट बिगाड़ा, पेट्रोल-डीजल के कारण बटुआ खाली।
अंजू गुप्ता,डा. प्राची दीक्षित,मंजू शर्मा, नेहा कश्यप, दीपिका गुप्ता, लीला सोनी,नीलम गुप्ता,बबली मिश्रा, रीता वर्मा, रेवती गुप्ता आदि ने प्रतिक्रिया दी
आपदा में दिनोंदिन बढ़ती महंगाई ने लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। बढ़ती महंगाई के कारण निम्न व मध्यम वर्ग के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत ने कामकाजी वर्ग की बेचैनी बढ़ा दी है तो रसोई गैस के दाम में बढ़ोत्तरी की वजह से महिलाओं के किचन का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले साल के लॉकडाउन शुरू होने के बाद तो अभी तक रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी लोगों को नहीं मिल रही है। यहीं नहीं कोरोना संक्रमण की वजह से शहर में कई घरों में लोग बीमारी से परेशान है। इस वजह से मेडिसिन पर खर्च का अलग दबाव बना हुआ है।
महंगाई को लेकर बहुत परेशान हैं जनता हर एक चीज के दाम बढ़ गए है फिर वो आटा दाल हो या फल सब्जियाँ हो या फिर डीजल पेट्रोल हो जिससे माह का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है जो छोटी मोटी नौकरी करते हैं और जो मजदूरी करते हैं जो लोग गरीब है. ऐसे कोरोना काल मे बहुत मुश्किल हो गया है घर चलाना ऐसे मे आदमी क्या करेगा महंगाई से खाना खाना छोड़ देगा अभी आदमी तो कोरोना से मर रहा था अब भूख की वाजह से मर जायेगा इसलिए हर चीज का दाम थोड़ा कम होना चाहिए !
देश की जनता गरीबी से लड़ रही है, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है बाजार में आपार महंगाई हो रही है दिमाग का भेजा फ्राई हो रहा है कम पेट्रोल डीजल के दाम,कब सरकार लगाए गी महंगाई पर लगाम आज कल महंगाई जितनी तेजी से बढ़ रही है इंसान की कीमत उतनी ही तेजी से घट रही है।
डॉ प्राची दीक्षित
: बजट को लेकर जो समस्याएं आ रही हो तो एक बात ये बता दूँ कि ये बजट के साथ टैक्स भी बढ़ा है और जो उच्च वर्गीय टैक्स देगा तभी तो ग़रीब के खाते में सरकार पैसे डाल रही हैऔर जो सब्जी के मूल्य ज़्यादा है तो किसान महँगी सब्जी बेचेगा तभी तो ज़्यादा मुनाफ़ा होगा उसको हर वर्ग के लिए हर चीज़ बनायी गई है ।उच्च वर्गों के लिए काजू अख़रोट खा रहा है मध्यम वर्ग अच्छा फल खा रहा है निम्नवर्ग अच्छी सब्जी खा रहा है सरकार ने सबके लिए एक जैसा क़ानून बनाया है सबको अपनी तरह से सहन करना पड़ रहा है
पूजा गुप्ता
रसोई गैस से सब्सिडी गायब
पहले रसोई गैस की कीमतें तो बढ़ती थीं, लेकिन बैंक अकाउंट में थोड़ी-बहुत सब्सिडी वापस आने से लोगों को कुछ राहत थी। लेकिन पिछले साल से सब्सिडी भी बैंक अकाउंट में वापस नहीं आ रही है और साथ ही रसोई गैस के दाम भी 842 रुपये तक प्रति रसोई गैस सिलिंडर बढ़ गया है। इसी तरह पाइप नेचुरल गैस का भाव भी बढ़ते जा रहा है।*
दीपिका द्विवेदी
पेट्रोल की बढ़ते भाव से मुसीबतें बढ़ीं
पेट्रोल के भाव ने भी कामकाजी लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। लॉकडाउन के समय को छोड़ दे तो इससे पहले पेट्रोल की बढ़ती कीमत की वजह से कामकाजी लोगों के पॉकेट को ढीला कर रहा है। डीजल हो या पेट्रोल पिछले एक साल में 70 रुपये से बढ़कर 93 रुपये प्रति लिटर तक बढ़ गया है। महंगाई भत्ता तो कोरोना काल में मिल नहीं रहा है और महंगाई बढ़ने से लोगों की जेब ढीली हो रही है।