निस्वार्थ भाव से सेवा में जुटे बीसीपीएम सुभाष चन्द्र नीरज
कोरोना संकट से जब पूरा देश जूझ रहा है तो ऐसे वक्त में भी तमाम स्वास्थ्य कर्मी निस्वार्थ सेवा भाव से अपना फर्ज निभाने में दिन-रात जुटे हैं | अपने फर्ज के आगे उन्हें अपने जीवन की चिंता तक नहीं है। ऐसे ही एक कोरोना योद्धा हैं- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिर्वा में तैनात ब्लाक कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) सुभाष चन्द्र नीरज । उनका कहना है कि जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से वह अपने परिवार से दूर रहकर निस्वार्थ भाव से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मूलरूप से आजमगढ़ जिले के रहने वाले 42 वर्षीय सुभाष चन्द्र नीरज कहते हैं कि संकट के समय हमारा और अधिक कर्तव्य बढ़ जाता है कि ज्यादा जिम्मेदारी से ड्यूटी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि आशा नोडल के रूप में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करना, उन सुविधाओं को प्राप्त करने में उनकी मदद करना, लोगों को उनके स्वास्थ्य अधिकारों के प्रति जागरुक करना, आम बीमारियों के कारण और उनके प्रति समुदाय में जागरूकता लाने, सरकार द्वारा मिलने वाली सेवाओं के लाभ की जानकारी देना उनकी प्रमुखता में शामिल है | इसके अलावा पोषण को लेकर जागरूकता लाने की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही कोविड-19 के प्रति आशा कार्यकर्ताओं को समय-समय पर कोविड ट्रेनिंग देने और उनको मास्क, सैनिटाइजर,ग्लव्स उपलब्ध कराने के साथ ही क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारियों का एक साथ बखूबी निर्वहन किया। सुभाष नीरज ने कहा कि ऐसे संकट में जरूरी है कि सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को सफल बनाने के लिए भी भागीदारी निभाएं। संक्रमण का प्रसार आसानी से रोका जा सकता है। इसके लिए लोग जागरूक होकर रोकथाम के उपायों का पालन करें और स्वास्थ विभाग समुदाय को हरसंभव मदद पहुंचाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने का मूलमंत्र हमारे सकारात्मक व्यवहार में छिपा है। मास्क का इस्तेमाल करना, लोगों से दूरी कम से कम 6 फीट की बनाए रखना एवं हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना ही कुछ ऐसे हैं व्यवहार हैं जो कोरोना को पराजित कर सकते हैं। साथ ही बताया कि इसके ही परिवार नियोजन के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए परिवार नियोजन के महत्व व पुरूषों की सहभागिता बढ़ाने, सही उम्र में शादी और उसके बाद सोच-समझकर बच्चों की प्लानिंग के लिए भी प्रेरित करने के अलावा कार्यक्रम के तहत कुछ अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। सीएचसी तिर्वा के चिकित्सा अधीक्षक डा.अवधेश कुमार बताते हैं कि सुभाष चन्द्र नीरज का काम कोविड काल में काबिले तारीफ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस पैदल फौज के बिना चुनौती का सामना नहीं किया जा सकता | उनके द्वारा हमें क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलती है । उनका कार्य बेहद ही सराहनीय व काबिले तारीफ है ।