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थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के जीवन को बचाने के लिए महत्वपूर्ण है रक्तदान: सतपाल।
कुरुक्षेत्र :- 29 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना की स्मृति में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल कुरुक्षेत्र में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा 354 वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में समाजसेवी सतपाल शर्मा मुख्यातिथि के रूप में पधारे हुए थे जबकि रक्तदाता प्रशांत शर्मा की अध्यक्षता में शिविर सम्पन्न हुआ। रक्त कोष केंद्र की प्रभारी डॉ. रमा के नेतृत्व में रक्त संग्रह किया गया. मुख्यातिथि सतपाल शर्मा स्वयं भी रक्तदान किया और कहा कि रक्तदान एक बहुत ही मानवता भलाई का कार्य है और यह रक्त थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के जीवन को बचाने के लिए तो और भी अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सभी स्वस्थ व्यक्तियों को रक्तदान करना चाहिए। रक्त कोष केंद्र प्रभारी डॉ. रमा ने कहा कि रक्तदान से डरने की आवश्यकता नहीं है. सभी को तीन माह के पश्चात रक्तदान करना चाहिए. शिविर की अध्यक्षता कर रहे प्रशांत शर्मा ने रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह एक मानव का दूसरे मानव को अमूल्य उपहार है जिसका कोई अन्य विकल्प नहीं है। शिविर संयोजक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने सभी अतिथियों व रक्तदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के समय उन्होंने अब तक 40 रक्तदान शिविर आयोजित किये हैं जिसमे 1318 रक्त इकाई के माध्यम से लोगों को लाभ मिला है. उन द्वारा आयोजित 354 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में 43881 लोगों को लाभ मिला है। उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे महान वीरांगना थी जो देश की स्वतंत्रता के लिए वीरगति को प्राप्त हुई. इस अवसर पर इन्होने किया रक्तदान- हेमंत, सतपाल शर्मा, संजीव कुमार, सुमित, राधेश्याम, मनप्रीत नम्बरदार, प्रदीप, प्रवीण, रोहित दयालपुरा, हरीश, जसमीत, राजेश आदि।