गंगा दशहरा पर कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह ने की सर्वकल्याण की कामना से मां गंगा की पूजा

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

मां गंगा संसार के समस्त जीवों को पवित्रता प्रदान कर पापों से मुक्त करती है : शास्त्री।

कुरुक्षेत्र, 20 जून :- गंगा दशहरा के अवसर पर रेलवे रोड़ स्थित भारत सेवाश्रम भारत सेवाश्रम संघ ने आयोजित हवन यज्ञ में सर्वकल्याण की कामना की गई। गौ गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित पूजन एवं यज्ञ को समिति के संस्थापक अध्यक्ष प्रसिद्ध कथा वाचक वेदाचार्य अनिल शास्त्री के सानिध्य में संस्कार जागृति सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष कर्मकांड रत्न प.रंगनाथ त्रिपाठी ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न कराया। यज्ञ के यजमान कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह, एडवोकेट आलोक शर्मा, आचार्य रमेश शास्त्री व भारत सेवाश्रम संघ के संचालक स्वामी तारा नंद ने यज्ञ में आहुतियां दी। कथावाचक अनिल शास्त्री ने मां गंगा की महिमा बारे बताया कि गंगा संसार के समस्त जीवो को पवित्रता प्रदान कर पापों से मुक्त करती है। गंगा संसार की सर्वश्रेष्ठ नदियों में से एक परम पवित्र नदी है। गंगा का उदगम स्थल गोमुख अत्यंत ही आनंददायी एवं कल्याणकारी है। शास्त्री ने बताया कि गंगा मानव समाज को संदेश देती है कि आप सरल सहज बनें। मनुष्य में सहजता सरलता विनम्रता, शिष्टता व क्षमा शीलता का भाव विद्यमान अगर हो जाए तो गंगा जी का पूजन पाठ व स्नान करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। गंगा यह बताती है कि मैं क्षमाशील हूं, संसार का दुष्ट से दुष्ट मनुष्य भी अगर मेरे पास आता है या मुझे अंगीकार करता है, स्वीकार करता है तो मैं उसके अपराधों एवं पापों को क्षमा कर देती हूं। कथावाचक शास्त्री ने कहा कि हम सभी को गंगा से प्रेरणा लेनी चाहिए कि सामने वाला कैसा भी हो, अगर वह आपके पास आता है तो उसकी बुराई की परवाह ना करते हुए उसके गुणों को धारण करें तथा अगर उसके अंदर बुराई है तो जिस किसी माध्यम से उसकी बुराई को समाप्त कर उसे स्वच्छ एवं निर्मल बनाने का प्रयास करना चाहिए। शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति किसी कारणवश अगर गंगा स्नान करने के लिए नहीं जा पाते हैं। उसे अपने घर में ही गंगा का ध्यान करते हुए जल पात्र में या स्नान करने वाले पात्र में गंगाजल डालकर तथा अन्य जल को मिश्रित करके स्नान कर लेना चाहिए। गंगा की उत्पत्ति के संदर्भ में पुराणों के अंदर भिन्न भिन्न प्रकार की कथाएं हैं। गंगा तो एक ब्रह्मा की पुत्री का भी नाम था। गंगा स्वर्ग से चलकर शिव के जटा से भगवान विष्णु के चरणों धोती हुई पृथ्वी पर आई। गंगा भगवान विष्णु की प्रिया भी है। गंगा लक्ष्मी स्वरूपा है। पुराणों ने गंगा विष्णु की पत्नी बताई गई हैं। इन्हें विष्णु प्रिया कहा गया है। गंगा को विष्णु प्रिया भागीरथी के नाम से लोग जानते हैं। पुराणों में उल्लेख है कि गंगा गंगा कहने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। आज के समय विकट स्थिति में गंगा का संरक्षण संवर्धन करना तथा उनकी अविरल धारा को सदा प्रवाहित करने के लिए हम सबों का परम कर्तव्य बनता है कि गंगा के अंदर किसी भी प्रकार के त्याज्य वस्तुओं को ना डालें।
गंगा दशहरा पर आयोजित हवन यज्ञ में पूर्णाहुति देते हुए एवं पूजन करते हुए।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ਸਾਬਕਾ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੀ ਮਹੀਨਾਵਰ ਮੀਟਿੰਗ `ਚ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਸਲਿਆਂ ਉਪਰ ਹੋਈ ਚਰਚਾ:ਸੂਬੇਦਾਰ ਚਰਨ ਸਿੰਘ

Sun Jun 20 , 2021
ਫਿ਼ਰੋਜ਼ਪੁਰ,20 ਜੂਨ [ਕੈਲਾਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸੰਵਾਦਦਾਤਾ]:- ਸਾਬਕਾ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੇ ਹਿੱਤਾਂ ਦੀ ਰਾਖੀ ਲਈ ਅੱਜ ਪ੍ਰਤਾਪ ਨਗਰ ਚੁੰਗੀ ਨੰਬਰ 8 ਦੇ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਫਿ਼ਰੋਜ਼ਪੁਰ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ ਹੋਈ। ਮੀਟਿੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਸੂਬੇਦਾਰ ਚਰਨ ਸਿੰਘ ਕੀਰਤੀ ਚੱਕਰ ਬਲਾਕ ਪ੍ਰਧਾਨ ਘੱਲ ਖੁਰਦ ਵੱਲੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ, ਜਦੋਂ […]

You May Like

advertisement