विवेक जायसवाल की रिपोर्ट अतरौलिया आजमगढ़ किसानों से ही गेहूं खरीद कर उन्हीं के खतौनी पर बेचा जाता था यह गेहूं।
धान क्रय केंद्र अधिकारियों से व्यापारी की थी लंबी सांठगांठ।
पकड़े गए गेहूं के बारे में भाजपा नेता रमाकांत मिस्र ने बताया पहले छोटे किसानों में यह भ्रम फैला दी जाती थी कि सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं का भुगतान एक-दो महीनों पर कभी-कभी या एक दो साल तक होता नहीं है। इसके बाद जिन किसानों से यह गेहूं खरीदा जाता था उन्हीं की खतौनी से फिर इसे सरकारी धान क्रय केंद्रों पर बेच दिया जाता था।
इसके लिए धान क्रय केंद्र अधिकारियों की भी सांठगांठ हुआ करती थी। धान क्रय केंद्र अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों का अंदर यह भय बैठा दिया जाता था कि छोटे भुगतान में काफी कठिनाइयां तथा विलंब होगा। किसान पैसे की अधिक आवश्यकता को देखते हुए अपनी कीमती फसल बिचौलियों के हाथ मामूली रेट पर बेच दिया करते थे । भाजपा नेता रमाकांत मिश्र ने बताया की यह खेल काफी दिनों से चल रहा है। छोटे काश्तकारों के किसान अपनी कीमती फसल को कौड़ियों के दाम व्यापारियों को बेचते थे फिर उन्हींकी खतौनी पर वह गेहूं अधिकारियों की मिलीभगत से व्यापारी बेचकर मोटी रकम कमाते थे। इसकी पूरी तत्परता के साथ जांच होगा तो और भी लोगो का नाम उजागर होगा। वी वी न्यूज़ तहसील संवाददाता विवेक जायसवाल की रिपोर्ट, खबरों के लिए संपर्क करें मोबाइल नंबर 9452717909