रुड़की
कोरोना के मामले कम होते ही सरकारी अस्पताल में ओपीडी तो खोल दी गई थी लेकिन लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों की संख्या में कुछ ज्यादा भीड़ भाड़ देखने को नहीं मिल रही थी। जैसे ही मामले कम होते दिखाई दिए वैसे ही अस्पताल प्रशासन सब कुछ भूल कर मरीजों को एक दूसरे के भरोसे छोड़ चुका है जी हां आपको बता दें पैथोलॉजी लेब (खून की जांच) जहां होती हैं वहां पर नॉर्मल लोगों के साथ साथ गर्भवती महिलाएं तक जांच कराने पहुंच रही है वहीं अगर देखा जाए तो यहां कोई भी पीआरडी का जवान या महिला जवान यहां पर दिखाई नहीं दे रहे हैं और खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ई जा रही है।
किसी प्रकार की कोई व्यवस्था सही नहीं दिख रही है अगर बात करें तो जिस तरह से कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थी अब उसी के मध्य नजर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है और खुल्लेआम सरकार की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाता अस्पताल प्रशासन दिखाई दे रहा है। हो सकता है किसी भी एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमण अभी भी हो तो वह कितने लोगों में पहुंच जाएगा वह यहां की भीड़ बता रही है आपको बता दें कुछ इस तरह से यह भीड़ देखने को मिल रही है उससे साफ अंदाजा होता है कि यहां पर लोगों को एक दूसरे के भरोसे या फिर यह कहे कि रामभरोसे अस्पताल प्रशासन छोड़ चुका है अब देखना यह होगा कि हमारी इस खबर को पढ़ने के बाद अस्पताल प्रशासन अपनी नींद से जागता है या नहीं। या फिर यह भीड़ ऐसे ही बरकरार रहेगी।