डीएम साहब मैं जिंदा हूं मेरी पत्नी मृत दर्शा कर रही खेल
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी के साथ प्रभात शुक्ला
मिरगाँवा निवासी उमेश ने ब्लॉक आकर सचिव को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वह जिंदा है उसकी पत्नी उसे मृत दर्शा कर प्रशासन को गुमराह कर रही है उमेश को सामने जिंदा देखकर सचिव मिरगॉवा अरविंद अचंभित रहे गए उन्होंने अधिकारियों को अवगत कराया
गौरतलब हो कि कस्बा जलालाबाद निवासी जागृति सविता के माता-पिता के स्वर्ग लोक सिधारने के बाद जिले में असहाय एवं गरीब के रूप में जागृत चर्चित हो गई यह खबर तत्कालीन जिलाधिकारी डीडी भार्गव तक पहुंच गई उन्होंने जलालाबाद आकर हकीकत देखी फिर क्या जवान बेटी के सहारा के लिए कस्बा के लोगों के सहयोग व अपनी आर्थिक मदद से मिरगॉवा निवासी उमेश से शादी करा दी शादी के बाद दंपत्ति अपना जीवन यापन करने लगा लेकिन वर्ष 2000 में दंपति के बीच दरार हो गई जागृति का विवाद गलियों में चर्चित हो गया जागृति ने एक प्रार्थना पत्र खंड विकास अधिकारी जे एन राव को देकर कहा की प्रार्थी का मकान जर्जर होकर गिर गया है उसके पति अब इस दुनिया में नहीं है उसे आवास दिया जाए लेकिन इस खेल में वह सफल ना हो सकी इसके बाद तहसील दिवस में पहुंच विगत मंगलवार को उसने प्रार्थना पत्र दिया की उसके पास अपना बसेरा नहीं है जागृति ने अपने नाम के साथ स्वर्गीय उमेश लिखकर मिल गामा में आवास की मांग की जब यह प्रार्थना पत्र सचिव अरविंद के पास पहुंचा उसने पड़ताल की उसने पड़ताल की तो पता हुआ पति पत्नी के बीच विवाद चल रहा है जब यह खबर उमेश को लगी तो वह ब्लॉक में दौड़ा चला आया और कहा सचिव साहब मैं जिंदा हूं मेरी पत्नी जागृति प्रशासन को गुमराह कर मुझे मृत दर्शा कर खेल रही है सचिव अरविंद ने कहा की जागृत कभी जलालाबाद से मूलनिवासी आवास के लिए आवेदन कर रही है तो कभी अपने को विधवा दर्शा कर मिरगांव से आवास मांग रही है जोकि सरासर गलत है उसने प्रशासन को भी अवगत करा दिया