बेटी की जोड़िया भी फेस्टिवल मे मचाएंगी धमाल
देश के विभिन्न शहरो से लोग कर रहे बढ़चढ़ कर भागीदारी
कोंच (जालौन) “दिल तो बच्चा है जी” यह कहावत 5 जुलाई से 11 जुलाई तक आयोजित कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में वृद्धाश्रम के वृद्ध भी अपने सुरों और डांस आदि प्रतिभा के साथ देखने को मिलेगी इसके साथ ही दो पीढ़ी की एक साथ परफॉर्मेंस भी फेस्टिवल को नया रूप प्रदान करेगी गौरतलब हो कि नए कॉंसेप्ट के साथ यह फेस्टिवल एशिया का अनूठा फ़िल्म फेस्टिवल बन गया है फेस्टिवल में “फेस्टिवल मुखिया”, प्रोडक्शन हाउस, स्मारि का आदि का कॉन्सेप्ट पहले ही जोड़ा जा चुका है किसी फिल्म फेस्टिवल में वृद्धाश्रम के बुजुर्गों द्वारा परफॉर्मेंस की गई हो यह बात अकल्पनीय थी लेकिन कोंच इंटर नेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में नए कॉंसेप्ट के साथ बुजुर्गों भी थरकते गाते नजर आएंगे फेस्टिवल के संस्थापक/संयोजक पारसमणि अग्रवाल ने बताया कि कोंच फ़िल्म फेस्टिवल देश विदेश में होने वाले फ़िल्म फेस्टि वलों से हटकर हो यह प्रयास निरन्तर रहा है, इसी प्रयास के साथ नए कॉंसेप्ट जोड़े जा रहे हैं। फेस्टिवल में जोड़े गए नए कॉन्सेप्ट के तहत स्नेहधरा वृद्धाश्रम के बुजुर्ग भी अपनी पर फॉर्मेंस देंगे जिससे उन्हें आनंदित होने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही वह लोगों के लिए प्रेरणा बनेंगे। इसके लिए आश्रम की डायरेक्टर डॉ० अर्चना सक्सेना द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं पारसमणी ने बताया कि दो पीढ़ी ‘माँ-बेटी’ एवं ‘पिता-पुत्र’ की जोड़ी की एकसाथ परफॉर्मेंस फेस्टिवल को अनूठा बनाने के साथ ऐसे लोगों को भी प्रेरित करने का कार्य करेगी जिनके अंदर प्रतिभा है, जज्बा है पर उनकी प्रतिभा चारदीवारी के अंदर कैद है इसके लिए सृजन झंकार की कोऑ र्डिनेटर स्वाति जैन के नेतृत्व में माँ और बेटियों ने तैयारी शुरू कर दी है। सिटीसीएस फैमली के कलाकारों द्वारा भी फेस्टिवल की जमकर तैयारी सिटीसीएस फैमली के आलोक अग्रवाल एवं मनोज कुमार के नेतृत्व में चल रही है पारस ने बताया कि कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल से जुड़ने के लिए विभिन्न शहरों से प्रतिभागियों के आवेदन आ रहे है, कोंच क्षेत्र की प्रतिभाएं भी फेस्टिवल में बढ़चढ़कर हिस्सा लें
🎤🎤रिपोर्टर अविनाश शाण्डिल्य कोंच 🎤🎤