ब्यूरो चीफ सैयद हामिद अली अजमेर
विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आज लगभग 2 महीने के बाद दोबारा से खुल गई है.
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को आज यानि की 28 जून सोमवार से खोलने के आदेश राज्य सरकार ने दे दिए गए हैं.
दरगाह के ख़ादिम सैयद सलमान चिश्ती ने बताया कि ख़्वाजा साहब की दरगाह भले ही एक बार फिर से खुल गई हो लेकिन अब इसमें कई सारे आपको बदलाव देखने को मिलेंगे जैसे की दरगाह पर अब आप फूल,चादर और बाकि चीजें नहीं चढ़ा पाएंगे. इसके अलावा सोशल डिस्टेसिंग का पालन पूरी तरह से करना है साथ ही सेनिटाइजेशन मशीन की अलग से व्यवस्था की गई है. वहीं दरगाह में बिना मास्क के आने नहीं दिया जाएगा साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग का भी पूरा इंतजाम है.
दरगाह के ख़ादिम सैयद सगीर हाशमी ने बताया कि ख्वाजा साहब की दरगाह में करीब 2 महीने बाद सोमवार से आम जायरीन जियारत कर सकेंगे। दरगाह सुबह 5 से शाम 4 बजे तक खुली रहेगी।
सैयद फैसल हुसैन चिश्ती ने बताया कि दरगाह शरीफ में पूरी दरगाह परिसर में कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए दरगाह कमेटी की तरफ से तमाम तैयारियां की गई है।
खादिमो की संस्था अंजुमन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर दरगाह में फूल और चादर चढ़ाए जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में लिखा है कि जायरीन मन्नत पूरी होने पर दरगाह में फूल और चादर लेकर आता है। उसे फूल और चादर पेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी तो वह निराश होगा और उसकी आस्था को ठेस पहुंचेगी।
साथ ही सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का भी सवाल है। पूरे शहर के बाजार खुलेंगे तो फूल-चादर की दुकानें बंद रखने का क्या मतलब ।