आजमगढ़|आपको हैरत होगा कि एक मृतक 28वे वर्ष में जन्म जन्मांतर के बंधन में रिती रिवाज के साथ बैठने जा रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं सरकारी दस्तावेज में 18 वर्ष तक मृतक होने के उपरांत व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करने वाले लाल बिहारी मृतक की जिन्होंने अपने 27 वा पुनर्जन्म दिवस पर आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सरकारी विभाग के भू राजस्व अभिलेखों में 30 जून 1994 को मृत घोषित से पुनः जिंदा होकर कार्यालयों न्यायालयों के श्मशान घाट से कंकाल उठकर दौड़ रहा है सन 2022 में 28 वर्ष की उम्र होने पर लाल बिहारी मृतक शहर से सटे हीरा पट्टी निवासिनी श्रीमती कर्मी देवी पुत्री स्वर्गीय रामहित के साथ विवाह के बंधन में बंधेंगे लाल बिहारी मृतक ने आगे बताया कि उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में ₹25 करोड़ रुपए का मानहानि की मुकदमा निर्णय होने के बाद विवाह कर राष्ट्र व विश्व को संदेश देकर व्यवस्था को जगाने का काम करेगा इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मृतक संघ अपना एक ट्रस्ट बनाकर जनता की सेवा कार्य करेगा और शोषित जरूरतमंदों की मदद के उपदेश के साथ आगे बढ़ेगा मृतक ने आगे बताया कि निजामाबाद तहसील के खलीलाबाद गांव निवासी लाल बिहारी पुत्र चौथी का सदर आजमगढ़ में न्यायालय नायब तहसीलदार सदर आजमगढ़ मुकदमा नंबर 298 के अंतर्गत दिनांक 30 जुलाई 1976 को जीते जी मृत घोषित कर मौलिक अधिकारों का हनन कर अपमानित किया गया जिसके बाद हाल ही में राज्य सरकार व भारत सरकार से कायर बुजदिल अनपढ़ गवार महामूर्ख अपमानित पुरस्कार की मांग कि है मृतक संघ ट्रस्ट के माध्यम से भारत के विभिन्न समस्याओं से जनकल्याण उत्थान विकास हेतु अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रांति अनोखे संघर्षों जनता व सरकार को जागरूक किया जाएगा लाल बिहारी ने अपने मृतक पुनर जन्म दिवस को अनोखे तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया और लोगों से अपील किया कि शोषण और अन्याय के खिलाफ सदैव जागरूक रहें और अपने हक की लड़ाई लड़ कर व्यवस्था में सुधार कराएं ताकि भारतीय लोकतंत्र की प्रदत शक्ति को आम जनमानस पहचान सके
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Wed Jun 30 , 2021