कन्नौज
जनपद कन्नौज के क्षेत्र में माता श्री ने समाधि ली और पंचतत्व में विलीन हो गई l खबर सुनते ही लोगों का तांता लग गया उनके दर्शनों को कई लोगों ने पहुंचकर अंतिम दर्शन किए l आज से लगभग 41 वर्ष पूर्व जलालाबाद ब्लाक क्षेत्र के ग्राम मढ़िया 1980 मे चैत मास नवदुर्गा के दिन ग्राम मढ़िया निवासी महेश चंद्र पाल की धर्मपत्नी श्रीमती लौग श्री के उदर से हुआ था l माता श्री का 6 बरस तक सामान्य ढंग से लालन पालन होता है l माता श्री ने शिक्षा के लिए शिक्षा मंदिर में प्रवेश दिलाया l माता श्री बाल अवस्था में ही पूजा पाठ उपक्रम माता की इस बाल कीड़ा समझा और किसी ने इसको गंभीरता से नहीं लिया l माता की डोर परमपिता परमात्मा से जुड़ चुकी थी l आदिशक्ति मां शीतला देवी की कृपया से 9 फरवरी 1987माघ,मास शुक्ल पक्ष की तिथि एकादशी को 6 बषृ 10 माह की अवस्था में बिंदु वृक्ष के पास मन लगाकर आराधना में अपना तन मन समर्पित कर दिया l माता श्री को आराधना का समाचार जंगल मैं आग की तरह फैल गया l जनता जनार्दन सीमा माता की जय की घोषणा करते हुए लोगों की भीड़ दर्शन करने के लिए एकत्रित होने लगी l माता श्रीलोक चार्य के नाते छह बहनों में सबसे छोटी थी l माता श्री की सेवा करने का सौभाग्य उनकी दादी जी को मिला l जिन्होंने 18 वर्ष तक माता सीमा देवी की सेवा की l 4 जून 2005 को माता श्री की दादी का स्वर्गवास हो गया l माता सीमा देवी 14 वर्ष तक डेढ़ मीटर कच्ची झोपड़ी में रही l माता श्री की आज्ञा से चैत, मास नवरात्रि को देवी जी के दरबार में मेला का आयोजन किया गया l सन 1994 में माताजी ने मौन व्रत धारण कर लिया l फिर भी माता रानी विशेष परिस्थितियों में भक्तों की सेवा करती रही l 2 जुलाई 2021 को सुबह 6:15 पर माताजी ने अपनी समाधि ले ली l जैसे ही समाधि की सूचना उनके परिजनों को मिली और उनके परिजनों में एक गहरी शोक की लहर दौड़ पड़ी l जब इसकी सूचना आसपास क्षेत्र में हुई तो माता जी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ हजारों संख्या में उमड़ी और सभी भक्तों ने माता के आखिरी समय में दर्शन किए l माता से आशीर्वाद भी लिया माता जी की समाधि उनके मंदिर में ही कर दी गई l समाधि होते ही समय भक्तों के आंसू निकलते नजर आए और हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए उमड पड़ी l