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कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, व उपायुक्त मुकुल कमार ने जयंती समारोह हवन यज्ञ में डाली आहुति। नंदा स्मारक पर अर्पित की पुष्पांजलि।
भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की जयन्ती समारोह पर आयोजित किया गया कार्यक्रम।
कुरुक्षेत्र 4 जुलाई :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा के आदर्शो को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत हैं। जो व्यक्ति सदाचार को अपनाएगा वह निश्चित ही अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगा।
वे रविवार को गुलजारी लाल नंदा नीतिशास्त्र- दर्शनशास्त्र केन्द्र संग्रहालय एवं पुस्तकालय की ओर से भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की 123 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले हवन यज्ञ कर मंत्रोच्चारण किया गया। इस हवन यज्ञ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, उपायुक्त मुकुल कुमार, केडीबी सीईओ अनुभव मेहता, प्रो. शुचिस्मिता केडीबी के अधिकारियों, प्रोफेसर इंचार्ज प्रो.एलके गौड, समाज सेवी विजय सभ्रवाल, डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. दीपक राय, समाजसेवी विनोद गर्ग, व नगर के अन्य गणमान्य लोगों ने नंदा जी के सदाचार समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कुलपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति में जन्म दिवस प्रेरणा की दृष्टि से मनाया जाता हैं ताकि बच्चों और परिवार के सदस्यों तथा समाज के लोगों को संस्कार दिए जा सके। जो व्यक्ति देश और समाज के लिए अनुकरणीय कार्य करते हैं तो उन महान लोगों का जन्म दिवस पूरा समाज मनाता हैं। इस प्रकार के महापुरुषों की जयंती पर विचार-विमर्श कर देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करने का संकल्प लिया जाता हैं। उन्होंने कहा कि भारत रत्न नंदा जी ने सारी उम्र समाज के लिए जीए और कुरुक्षेत्र के विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया। नंदा जी ने मजदूर व समाज के अंतिम छोर रहने वाले लोगों के लिए कानून बनवाए और उनके हितों के लिए कार्य किया। लोकतांत्रिक व्यवस्था में गली मौहल्ले की समस्याओं को संसद तक पहुंचाकर नंदा जी ने अपना नैतिक कर्तव्य निभाने का काम किया। इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र को अपनी कर्मभूमि भी बनाया। आज समाज के हर व्यक्ति को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। तभी उनके जंयती समारोह को मनाने के प्रयास सार्थक हो सकेंगे।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा कर्म करने में विश्वास रखते थे और कुरुक्षेत्र को विकास की राह पर लाने का काम नंदा जी ने किया, इसी उदेश्य के लिए ही केडीबी की स्थापना भी की। इस धर्मक्षेत्र के विकास का पहिया निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। सभी के प्रयासों से कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर को देश के 30 नामी धार्मिक स्थलों की सूची में शामिल कर लिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल कुरुक्षेत्र 48 कोस के तीर्थो का विकास करने में लगे हुए है।
सीईओ केडीबी अनुभव मेहता ने कहा कि कुरुक्षेत्र का विकास नंदा जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था। कुरुक्षेत्र का विकास करना उनके सपनों को पूरा करने जैसा है। हम सबकी जिम्मेवारी है कि हम कुरुक्षेत्र के विकास के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास करें।
समाज सेवी विजय सभ्रवाल ने कहा कि ज्यों-ज्यों समय बीत रहा हैं त्यों-त्यों भारत रत्न नंदा जी का महत्व भी बढ़ रहा हैं। इनके योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता हैं। सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र को विकसित करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सैंकड़ों करोड़ रुपए की अनुदान राशि विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च की है। उन्होंने नंदा जी से सम्बन्धित संग्रहालय प्रदर्शित किया।
केन्द्र के प्रो. इंचार्ज प्रो. एलके गौड ने सभी का आभार प्रकट करते हुए केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया व पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के जयंती समारोह पर बधाई देते हुए कहा कि नंदा जी ने कुरुक्षेत्र के विकास को जो सपना देखा, आज उस सपने को साकार करने का सार्थक प्रयास किया जा रहा हैं।
इस मौके पर प्रो. शुचिस्मिता, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, उपेन्द्र सिंघल, विजय नरूला, राजेन्द्र राणा, डॉ. महासिंह पूनिया, लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, केसी रंगा, प्रदीप कुमार, डॉ. हरविन्द्र राणा, सहित केडीबी के अधिकारी, कुरुक्षेत्र जिले के प्रशासनिक अधिकारी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।