पूर्णिया संवाददाता
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर आलोक कुमार ने देश के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता, आदिवासीयों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले 84 वर्षीय फादर स्टैन स्वामी कि मुंबई के एक जेल में समुचित इलाज नहीं होने देने के परिणाम स्वरूप मौत को भारतीय न्याय व्यवस्था और केंद्र सरकार के दुर्भावनापूर्ण व्यवहार को जिम्मेदार ठहराया है। ज्ञात हो कि फादर स्टैन स्वामी को गत वर्ष 8 अक्टूबर को भीमा कोरेगांव मामले में झूठे मुकदमे में केंद्र सरकार के एजेंसी एन० आई० ए ० द्वारा नक्सली, माओवादी करार देकर गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया । प्रोफेसर आलोक ने कहा कि 84 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद न्यायालय द्वारा बेल नहीं देना और समय पर अच्छे अस्पताल में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराना केंद्र के भाजपा सरकार की पक्षपात पूर्ण रवैया बताया है । प्रोफेसर आलोक ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि जो भी संगठन या व्यक्ति आदिवासी, दलित, पिछड़े एवं अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाते हैं उन्हें नक्सली, माओवादी, खालिस्तानी एवं आतंकवादी करार देकर जेलों में बंद कर उनकी हत्या और प्रताड़ित करने की साजिश रची जाती है। देश में लोकतंत्र सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है। बेरोजगारी, किसानों की समस्या बढ़ते मंहगाई जैसे सवालों को छुपाने के लिए बहुसंख्यक दलित ,आदिवासी, पिछड़े, एवं अल्पसंख्यक को जाति, धर्म में बांट कर किसी तरह सत्ता प्राप्त करना भाजपा एवं आर० एस० एस० का एकमात्र लक्ष्य रह गया है। प्रोफेसर आलोक में फादर स्टैन स्वामी के मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है । स्टैन स्वामी के मौत से देश एवं दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।