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सर्वकल्याण की भावना से किया जा रहा है सवा लाख गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान।
कुरुक्षेत्र, 7 जुलाई : – देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री एवं ब्रह्मचारियों द्वारा कोरोना महामारी से पूर्ण मुक्ति एवं सर्वकल्याण की भावना से सवा लाख गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्यापीठ में पिछले करीब डेढ़ साल में सर्वकल्याण एवं विश्व शांति के लिए अनेकों अनुष्ठान किए गए हैं। आचार्य लेखवार ने बताया कि विद्यापीठ में यजमान कर्मचंद, नवीन, बलराज, शिवम, नितेश, हिमांशी, दीपांशी एवं टिंकल द्वारा सवा लाख पितृ गायत्री जप अनुष्ठान करवाया जा रहा है। गायत्री जप अनुष्ठान का महत्व आचार्य लेखवार ने बताया कि गायत्री मंत्र के जाप से ब्रह्मदर्शन संभव है। मानव जाति के कल्याण के लिए भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण जी के द्वारा भी ऋषि मुनियों के साथ गायत्री मंत्र किए गए हैं। सनातन धर्म के मानने वाले श्री गणेश मंत्र के बाद पूजा में गायत्री मंत्र का जप करते ही हैं। श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्द में लिखा है कि श्रीकृष्ण स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते थे। महाकवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि विश्वामित्र ने अपने शिष्यों भगवान राम और लक्ष्मण को इस मंत्र का रहस्य विस्तार से समझाया था।
जयराम विद्यापीठ में सवा लाख गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान करते हुए यजमान एवं आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री।