मन की शुद्धि के लिए शुद्ध सात्विक आहार आवश्यक: परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज।
हरियाणा संपादक वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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अवधूत आश्रम कुरुक्षेत्र में विश्व कल्याण कॅरोना महामारी निवारण हेतू शतचंडी महायज्ञ का आज दूसरा दिन।
आश्रम में आज संतों द्वारा आहार व्यवहार विषय को लेकर हुई चर्चा।
महायज्ञ में भारत साधुसमाज के प्रदेशाध्यक्ष व अनेक आश्रमों के परमाध्यक्ष महन्त बंशी पुरी जी महाराज भी शिरकत करेंगे।
कुरुक्षेत्र 22 जनवरी :- धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के श्री अवधूत आश्रम पिहोवा रोड कुरुक्षेत्र में परम पूज्य सद गुरु श्री महानंद ‘अवधूत’ जी महाराज की अनुकम्पा से आज से विश्व कल्याण कॅरोना महामारी निवारण हेतू आश्रम के संचालक षड्दर्शन साधुसमाज के अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज के सानिध्य में शतचण्डी महायज्ञ के आज दूसरे दिन सत्संग में संतों द्वारा आहार और व्यवहार विषय को लेकर चर्चा हुई जिसमे परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज ने बताया कि मन की शुद्धि के लिए सात्विक आहार परम आवश्यक है।
आज जिस गति से विश्व मे असाध्य रोगों में बढ़ोतरी हो रही है यह सब हमारे आहार पर भी निर्भर करती है और जिस तरह से आपस मे व्यवहार हो रहा है यह मन को विचलित करती है मन का विचलित होना ही मानसिक तनाव के लक्षण है। इस विषय को लेकर सभी संतों ने अपने अपने विचार रखे। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महन्त महेश मुनि ने भी अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि मन की शुद्धि व मानसिक तनाव से मुक्त रहने के लिए शुद्ध सात्विक आहार की मुख्य भूमिका है।
आश्रम परिसर में प्रतिदिन भजन संध्या सांयकाल को हो रही है और संत विद्वान ब्राह्मण जनकल्याण हित के लिए अपने अपने विचार प्रगट करते है । इस महायज्ञ अनुष्ठान में संत महात्मा भी शिरकत कर रहे है।
महायज्ञ में यज्ञाचार्य सोमदत्त भारद्वाज गोहाना ओर उनके साथ वेदाचार्य ब्राह्मण पूर्ण शुद्धता विधिविधान से यज्ञ का कार्य कर रहे है।
शतचण्डी अनुष्ठान प्रातः 8 से सांय 5 बजे तक प्रतिदिन व यज्ञ प्रातः 11 से दोपहर 1 बजे व सांय 3 से 5 – 30 तक हो रहा है।