अम्बेडकर नगर॥ जनपद में पीड़ित का आरोप है कोट या न्यायालय का पुलिस प्रशासन उड़ा रही है धज्जियां कोर्ट में स्टे होने के बावजूद नहीं मिल रहा पीड़ित को राहत थाना बसखारी दलित की बस्तियों उजड़ वाकर दिलवा रहा है कबजा।आपको बता दे कि
सतीराम, पतिराम पुत्र स्व विपत व सेखई, स्व मखई जो ग्राम सभा संदहा मजगवा मुसरा के अस्थाई निवासी हैं। जो आबादी की भूमि नंबर 696ब व 697स में बाप दादा के जमाने से निवास करते चले आ रहे हैं।किंतु कुछ समय पहले कपिल मुनि ओझा पुत्र स्व राम लखन निवासी ग्राम टंडवा थाना बसखारी द्वारा उक्त भूमि को अपना बताने लगा जब हम लोगो द्वारा इस आबादी भूमि के संबंध में सरकारी अभिलेखों में जांच करवाया गया ।लेखपाल, तहसीलदार से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनके नाम यहां कोई भी भूमि नहीं है फिर भी इन लोगों द्वारा उक्त भूमि को अपना बताकर कब्जा करने के लिए विवाद करने पर हम लोगों ने दीवानी न्यायालय में मुकदमा दायर किया। व फिर कपिल मुनि के पौत्र तन्मय उर्फ प्रिंस ओझा द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई व कई बार वहां पर जेसीबी और 10-15 लोग के साथ मारपीट करने के इरादे से आना जाना लगा रहा। इस संबंध में हम लोगों ने कई बार थाने में एप्लीकेशन दिया सीएम हेल्पलाइन में कॉल किया व IGRS के माध्यम से थाने को अवगत कराया किंतु हमारे पक्ष में कोई कार्यवाही नहीं हुई उल्टा हमें ही धमकाया गया। प्रिंस ओझा चाहता था कि किसी तरह से पैसे के बल पर गुंडागर्दी के बल पर जमीन को हथिया ले कब्जा कर ले किंतु जब तन्मय सभी जगह से हार मान गया। तब इसने थाना बसखारी में पैसा देकर गलत तथ्य पेश कर हमारे परिजनों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित करना शुरू करवा दिया थाना बसखारी की पुलिस द्वारा सतीराम पुत्र बीपत व नंदलाल पुत्र सेखई को 151 में चालान भी किया गया व बसखारी पुलिस द्वारा एक सादे कागज पर डरा धमकाकर थाने के अंदर दोनों लोगों के दस्तखत भी करवा लिए गए किंतु बसखारी थाना की पुलिस ने तन्मय उर्फ प्रिंस ओझा के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की उसी समय हलका इंचार्ज व थाने की फोर्स द्वारा दीवानी मुकदमा चलते रहने के बावजूद भी थाने की फोर्स ने स्वयं मौजूद होकर खंभे व तार लगवा दिए गए और सभी को धमकी दी गई ।किसी ने कुछ बोला तो सभी लोगों के ऊपर इतने मुकदमे लाद दिए जाएंगे कि जिंदगी जेल में सड़ जाएगी ।बीते दि 05/07/21 को तन्मय उर्फ प्रिंस ओझा 5-7 लोग टांगी, बेलचक व अन्य और हथियार के साथ मारपीट करने के इरादे से पुनः खंभा गड़ने लगा जब हमलोगो द्वारा विरोध किया तो मारपीट करने पर उतारू हो गया। तभी हमने 112 पर काल किया तो पुलिस आई जो बीच-बचाव कर विपक्षी को वहां से हटा दिया गया, तब फिर तन्मय ने थाने में पैसा देकर बीते दि 06/07/21 को थाना बसखारी पुलिस आई जो बिना कुछ पूछे ही पतिराम व जितेन्द्र को बिना कुछ बताए जबरदस्ती उठा ले गई ।जिन्हें थाने 24 घंटे से अधिक समय तक थाने में रखा गया व जितेन्द्र को रात में मारा पीटा गया व सुबह डरा धमकाकर थाने में सुलहनामा पर हस्ताक्षर करवा लिया गया, छोड़ते वक्त धमकी दी गई । यदि अब विरोध किया तो मुकदमा दर्ज कर जिंदगी नरक बना दूंगा।आबादी भूमि का विवाद दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है,किंतु थाना- बसखारी की पुलिस जबरदस्ती विपक्षी को कब्जा दिलाने को उतारू है इसी कारण से मेरे परिजनो को पुलिस द्वारा बार बार प्रताड़ित किया जा रहा है।