संवाददाता-विक्रम कुमार
जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस पर हम अपने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए लोगों को जागरूक करें तथा सरकार पर दबाव बनाए की वह जनसंख्या पर नियंत्रण करने की दिशा में पहल करें यह विचार आज अधिवक्ता विचार मंच ने उठाया है अधिवक्ता विचार मंच के जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक महासचिव गौतम वर्मा सचिव संजीव कुमार सिन्हा एवं भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक आशुतोष झा बबीता चौधरी ने कहां है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए समान नागरिक संहिता को वक्त की जरूरत बताया दिल्ली उच्च न्यायालय का यह विचार स्वागत योग्य है क्योंकि संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में काफी विलंब हो चुका है अब और अधिक विलंब करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कह कर इस ओर इशारा किया है कि हमारा देश जाति धर्म मजहब एवं समुदाय से ऊपर उठकर इस दिशा में तेजी से पहल करें अधिवक्ताओं ने यह भी कहा है कि इस गंभीर मसले पर राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को पहल करनी चाहिए साथ ही सरकार पर कानून बनाने के लिए दबाव भी बनाना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं है जिस दिन चीन की जनसंख्या को पीछे छोड़ते हुए हमारा देश जनसंख्या के मामले में पूरे विश्व में नंबर एक बन जाएगा हमें यह नहीं नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के बाद हमारे देश की जनसंख्या 34 करोड़ थी जो अब बढ़कर 138 करोड हो चुकी है अपने ही देश में गोवा में जनसंख्या नियंत्रण कानून बन चुका है अब आसाम एवं उत्तर प्रदेश की सरकार भी जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में कानून बनाने को सोच रही है फिर संपूर्ण देश में यह कानून क्यों नहीं बन सकता है