कानपुर संवाददाता
पत्रकार विनम्रता पूर्वक एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार के सामने अपनी बात रख रहा और वह हिटलर बन पत्रकार से अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे है।
मामला कानपुर नगर के परिवहन विभाग का है जहां एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार की भाषा शैली इनकी योग्यता को दर्शाता है। बात सिर्फ यह है कि एक पत्रकार अपनी बाइक का कागज दिखाकर उनसे बाइक नंबर का अप्रूवल के लिए उनके चेंबर गया। पत्रकार ने बताया कि हम काफी देर एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार का इंतजार करते रहे ।जब वह आए तो बाहर बैठा चपरासी बोला कि साहब आ गए आप मिल सकते हैं ।जैसे ही अपने बाइक के डॉक्यूमेंट लेकर पत्रकार उनके चेंबर में गया तो वहां बैठे आर.आई ने कहा आप अपना मोबाइल नीचे रख लिए ।तो पत्रकार ने कहा कि जिसको वीडियो बनाना होता है। वह बना लेता साहब हम क्यों आपकी वीडियो बनाएंगे। हालाकि आप को बता दें आए दिन अपने कारनामों को लेकर सुर्ख़ियो मे रहते हैं एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार।इतने में ही एआरटीओ सुधीर कुमार तेज आवाज मे पत्रकार को धमकाने लगे तुमसे डरते नहीं है। मेरे चैम्बर से बाहर जाओ मैं डीएम से डरता हूं ।कुछ पल पत्रकार को य़ह लगा कि किस तानाशाह के केबिन मे आ गए।फिर तेज आवाज मे बोले कि मैं किसी से नहीं डरता हूं। चाहे वह सिटी मजिस्ट्रेट ही क्यों ना हो। गेट के बाहर जाओ काम खत्म हो जाएगा। तब आना वेट करो हमारा दस मिनट बाद आना वीडियो में साफ़ मालूम हो रहा एक राजपत्रित अधिकारी होकर पत्रकारों से किस तरह से बात कर रहा है। यह अब प्रश्न यह उठता है कि जब यह पत्रकारों से इस तरह से बात करते हैं ।तो परिवहन विभाग मे आए दिन हजारों जनता प्रतिदिन किसी ना किसी काम से आती है। तो उनसे किस तरह भाषा का प्रयोग करते होंगे। सत्ता के नशे में चूर सुधीर कुमार किस तरह से गलत भाषा का इस्तेमाल कर पत्रकार को गेट से बाहर कर दिया हाला की ये बात जब दूसरे पत्रकार साथियो तक पहुंची तो उन्हें काफी रोष है। पत्रकारों की टीम जल्दी जिलाअधिकारी कानपुर नगर को वो वीडियो देगी जिसमें सुधीर कुमार ने पत्रकार से अभद्रता की। एवं ज्ञापन सौप एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार के कारनामों को उजागर करेगी।