कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने जारी की यूजी/पीजी वार्षिक परीक्षाओं की गाइडलाइंस, परीक्षाएं 22 जुलाई व 10 अगस्त से शुरू।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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परीक्षार्थियों की होगी ऑनलाईन रिमोट प्रोक्टरिंग।
हाइटेक सॉफ्टवेयर की रहेगी परीक्षार्थियों पर पैनी नजर।
परीक्षाओं के मोड व सफल संचालन हेतु लिया गया निर्णय।
कुरुक्षेत्र, 16 जुलाई :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की 22 जुलाई से शुरू होने वाली दूरवर्ती पाठ्यक्रमों व प्राइवेट की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने परीक्षा स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इस बार भी ब्लैंडिड मोड में परीक्षा लेने की योजना बनाई है जिसकी अधिसूचना शुक्रवार को सभी संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों व व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक को ई-मेल के माध्यम से जारी की गई। इसके साथ ही गाइडलाइन विश्वविद्यालय की वैबसाइट पर भी उपलब्ध है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि छात्र हित विश्वविद्यालय पहली प्राथमिकता है। वर्तमान स्थिति व परीक्षा संबंधित समस्याओं का संज्ञान लेते हुए कुवि प्रशासन द्वारा इस बार 22 जुलाई व 10 अगस्त से शुरू होने वाली स्नातक/स्नातकोत्तर की वार्षिक परीक्षाओं के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। परीक्षाओं को नकल रहित रखने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना महामारी के मद्देनजर हालात को देखते हुए ऑनलाईन परीक्षाओं में केयू की ओर से लाखों विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के लिए सुदृढ़ सिस्टम को नकल रोकने के लिए अपनाया जाएगा ताकि इन परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थी अपने घर बैठकर भी नकल न कर सकें। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षाओं को बेहतर तरीके से लेने की योजना बनाई गई है जिसके लिए एक सॉफ्टवेयर एजेंसी को टैंडर दिया गया है जोकि परीक्षार्थियों पर अपनी नजर रखेगा। इसके साथ ही आंसरशीट के पहले पेज पर स्टूडेंटस से जुड़ी जानकारी की गोपनीयता बनाए रखने के लिए केयू ने इस बार नया बार-कोड सिस्टम लागू किया है।
केयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि इन वार्षिक परीक्षाओं को लेकर सभी जानकारी केयू की वेबसाइट www.kuk.ac.in पर अपलोड कर दी गई है। विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी होने पर हेल्पलाइन ई-मेल rollnoenquiry@kuk.ac.in व नंबर 70821-13076, 70821-13164-70821-13073 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। 22 जुलाई से शुरू होने वाली अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में इस बार इम्प्रूवमैंट व एडिशनल के विद्यार्थी भी अपीयर होंगे। इसके अतिरिक्त वे विद्यार्थी भी योग्य हैं जिन्होंने पिछले वर्ष अप्रैल/मई 2020 सत्र की परीक्षा के लिए आवेदन किया था लेकिन ये परीक्षाएं नहीं ली गई।
ऑनलाइन/ऑफलाइन परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य, बदलने की नहीं होगी अनुमति
डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी ऑनलाईन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें 20 जुलाई तक एजेंसी की वेबसाइट https://kukonlineexam.com पर अपने आपको रजिस्ट्रेशन करवाना होगा यदि वे परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से देना चाहते हैं। एक बार ऑनलाईन/ऑफलाइन विकल्प का प्रयोग करने के लिए इसे अंतिम निर्णय माना जाएगा और विद्यार्थियों को इसे बदलने की अनुमति नहीं होगी। इसलिए इसे सभी परीक्षार्थियों को सावधानी से ऑप्शन लेने की जरूरत है। ऑनलाईन विकल्प के लिए नवीनतम कंफीग्रेशन के साथ कैमरे वाला लैपटॉप/स्मार्ट फोन/डेस्कटॉप होना जरूरी है। इसके साथ ही हाई-स्पीड इंटरनेट की अनिवार्यता न्यूनतम (512 केबीपीएस) होगी और परीक्षा की पूरी अवधि के दौरान इंटरनेट कनेक्ट होना आवश्यक है। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को वैब-कैमरे के सामने उपस्थित होना होगा ताकि उत्तर-पुस्तिका लिखते समय उसका पूरा दृश्य एजेंसी के पर्यवेक्षक को दिखाई दे। कमरे में बिजली की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी ताकि परीक्षा के दौरान ली गई तस्वीरें धुंधली न हो। परीक्षा अवधि के दौरान मोबाइल/लैपटॉप बैटरी या अन्य कोई भी समस्या को समय में छूट के लिए आधार नहीं माना जाएगा। परीक्षार्थी को परीक्षा के समय अपना लॉग-इन कर एक वैध पहचान पत्र अपलोड करना भी आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा शुरू करने से पूर्व परीक्षार्थी को घोषित की गई सभी घोषणाओं को पढ़कर क्लिक करना होगा तभी उसे प्रश्न-पत्र उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि ऑनलाईन परीक्षा का विकल्प चुनने वाले विद्यार्थियों की रिमोट प्रोक्टरिंग सॉफटवेयर द्वारा कड़ी निगरानी से करवाई जाएगी।
यूएमसी केस में निम्न गतिविधियां होंगी शामिल।
डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि ऑनलाईन परीक्षा के दौरान विद्यार्थी की निम्नलिखित गतिविधियों को अनुचित साधन मामले के रूप में माना जाएगा। यदि परीक्षा के दौरान वेबकैम व मोबाईल कैमरे के सामने उपस्थित न हो, परीक्षा के दौरान किसी से बात करते पाया गया, यदि परीक्षार्थियों ने वेबकैम व मोबाईल कैमरा ढक दिया। इसके साथ ही विद्यार्थी को एक साथ कई उपकरणों से परीक्षा संपन्न करने की अनुमति नहीं होगी। कोई भी परीक्षार्थी अपना मोबाइल नंबर व अन्य कोई भी व्यक्तिगत सूचना अपनी उत्तर-पुस्तिका पर नहीं लिखेगा। परीक्षा के दौरान इंटरनेट डिस्कनेक्ट/गायब होने पर भी उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन परीक्षा में 3 घंटे में लिखनी होगी। उत्तर-पुस्तिका
डॉ. सिंह ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं में विद्यार्थी को 100 प्रतिशत अंकों का पेपर हल करना होगा जिसके लिए उन्हें कुल 4 घंटे का समय दिया जाएगा लेकिन अपनी अपनी उत्तर-पुस्तिका लिखने के लिए उन्हें 3 घंटे का समय ही मिलेगा। पेपर करने के लिए विद्यार्थियों को ए-फॉर साइज के अधिकतम 36 पेजों का प्रयोग करना होगा तथा प्रश्न पत्र उपरोक्त वेबसाइट से देखने उपरांत परीक्षा सम्बन्धित विवरण व रोल नंबर पेज पर लिखना होगा। डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि प्रातःकालीन व सांयकालीन सत्र में होने वाली इन स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाओं में सुबह सत्र वाला पेपर 9.30 बजे और सांय सत्र के लिए 1.30 बजे वेबसाइट के माध्यम से संबंधित विद्यार्थी को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थी को परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पूर्व वेबसाइट पर लॉग-इन करने की अनुमति दी गई है। प्रश्न-पत्र हल करने से पूर्व विद्यार्थी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सही प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराया गया है। गलत प्रश्न-पत्र हल करने का प्रयास करने की किसी भी शिकायत पर विवि द्वारा बाद में कोई विचार नहीं किया जाएगा। वेब-पोर्टल पर उत्तर-पुस्तिका अपलोड करने का समय ऑनलाईन परीक्षाओं के लिए सुबह का आबंटित समय सुबह 9.30 बजे से 1.30 बजे और दोपहर के सत्र में 1.30 बजे से 5.30 बजे तक होगा लेकिन उत्तर-पुस्तिका लिखने की अनुमति मात्र 3 घंटे ही होगी, अतिरिक्त 1 घंटा उन्हें प्रश्न-पत्र डाउनलोड करना व अपनी 36 पेजों की उत्तर-पुस्तिका अपलोड करने के लिए दिया गया है। अपनी पीडीएफ अपलोड करने के लिए विद्यार्थी माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, एडोब स्कैन, वी. फ्लैट आदि एप का प्रयोग कर सकता है।
इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने पर ऑफलाईन परीक्षा का विकल्प।
डॉ. सिंह ने बताया कि दूर-दराज व अन्य प्रदेशों के जिन एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है, वहां विद्यार्थी ऑफलाईन परीक्षा का विकल्प चुन सकता है। उसके परीक्षा प्रवेश पत्र (रोल नंबर) पर संबंधित कॉलेज का नाम दर्शाया गया होगा जिसके द्वारा वह निर्धारित महाविद्यालय व संस्थान में सम्पर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है जिसमें उसका नाम, कक्षा, रोल नंबर, पेपरों का विवरण, मोबाइल नंबर, ई-मेल आदि आदि सभी जानकारियां उपलब्ध करवानी होगी। सफल रजिस्ट्रेशन होने पर परीक्षार्थी को समय रहते प्रश्न पत्र सुबह व दोपहर सत्र वाले परीक्षा वाले दिन उपलब्ध हो सकेंगे। डॉ. सिंह ने बताया कि यदि कोई विद्यार्थी ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा देना चाहता है तो उस स्थिति में विद्यार्थी को संबंधित कॉलेज प्रश्न-पत्र व उत्तर-पुस्तिका उपलब्ध करवाएगा और परीक्षा संपन्न करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग, कॉलेज व संस्थान के अध्यक्ष, प्राचार्य व निदेशक की होगी। उन्होंने बताया कि इन सभी परीक्षाओं की डेटशीट कुवि की वैबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है।
डॉ. सिंह ने बताया कि यूजी, पीजी व बी.एड की परीक्षाओं के लिए जो सभी विद्यार्थियां की प्रोक्टरिंग होगी, उसका रिकॉर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संभालकर रखा जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय द्वारा इसकी जांच की जा सके। इसके अलावा सभी विभाग/संस्थान व कॉलेजों को सभी परीक्षाओं की डेली सूची परीक्षा संपन्न होने उपरांत क्लास वाइज/पेपर वाइज/डेट वाइज उत्तर-पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए गए अवार्ड परफार्मा के साथ संलग्न करनी होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर-पुस्तिका की रिवैल्यूएशन व रिचैकिंग की सुविधा स्टूडैंटस को केयू नियमों के तहत ही मिलेगी। इसके अलावा प्रैक्टिकल आदि की वार्षिक परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बाद में निर्धारित किया जाएगा।