सरकार द्वारा नेता जी के जन्मदिन को “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाना सराहनीय कदम : खेड़ा
वकीलों ने किया नेता जी को याद व नमन
मोगा 23जनवरी
(शालीन शर्मा, जिला संवाददाता, मोगा) –
भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले सबसे बड़े नेता सुभाष चंद्र बोस को उनके 125वे जन्म दिवस पर आज वकीलों के एक समूह ने उन्हें याद कर उनके चित्र पर फूल माला पहनाकर उन्हें नमन किया। सीनियर एडवोकेट चंद्रभान खेड़ा, एडवोकेट विजय धीर, एडवोकेट प्रदीप भारती ने कहा कि देश की आजादी के बाद भारत सरकार ने उनको वह सम्मान नहीं किया जिसके वह हकदार थे। उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार करने की बजाय आई सी एस की नौकरी को छोड़ देश सेवा का प्रण लिया था। नेताजी स्वामी विवेकानंद तथा अरविंद घोष को अपना आदर्श मानते थे। नेताजी ने दूसरे विश्वयुद्ध में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया। उनके द्वारा दिया गया नारा “जय हिंद” देश का राष्ट्रीय नारा बन गया था। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” उनका यह नारा भी उस समय खूब प्रचलित हुआ था। उनकी मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जापान में आज भी 18 अगस्त को हर साल उनका शहीदी दिन मनाया जाता है, लेकिन भारत में रहने वाले उनके परिवारिक सदस्य यह मानते हैं कि उनकी मृत्यु 1945 में नहीं हुई, क्योंकि भारत सरकार ने उनकी मृत्यु को लेकर संबंधित दस्तावेज कभी सार्वजनिक नहीं किए। लेकिन खुशी की बात है कि इस समय भारत सरकार इस साल उनके जन्म दिवस को “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाने जा रही है जोकि सरकार का एक सराहनीय कदम तथा एक महान देशभक्त को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर एडवोकेट यज्ञ दत्त गोयल, वरिंदर गर्ग, दिनेश गर्ग, रुपिंदर शर्मा (क्रांति), तरसेम सिंह भट्टी तथा प्रवीण शर्मा ने भी सैल्यूट कर नेता जी को नमन किया।