संवाददाता अमर कुमार गुप्ता
आखिर एक माँ की ममता गरीबी और मजबूरी के कारण ममता की भट्टी में दफन हो गईं,मामला कटिहार के फलका प्रखंड के बरेठा पंचायत का है जहाँ एक मजबूर मां फलका पीएचसी में प्रसव के लिए आई लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे को अस्पताल में छोर चली गई,बाद में जब पता किया गया तो महिला ने जो दास्तान सुनाई उसको सुनकर किसी का भी कलेजा पसीज जाएगा ,मां पुनिया देवी ने बताया उसका पति उसे छोड़कर चला गया उसके पहले भी दो बच्चे है ऐसे में आर्थिक तंगी या यूं कह ले गरीबी के कारण वो बच्चे को पालने में असमर्थ बताई ,न ही उसका राशन कार्ड है न ही कमाई का कोई जरिया ,आखिरकार उसने मजबूरी में अपने कलेजे के टुकड़े को अस्पताल में रख फरार हो गयी,बाद में अस्पताल कर्मी ने थाने और चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से पुनिया देवी की सहमति से बच्चे को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया लेकिन आज भी जहा हम अपने आप को हर क्षेत्र में विकसित होने का दावा करते है ऐसे में ये मामला यह बताने के लिए काफी है विकास के दावे की जमीनी हकीकत क्या है ।