हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 24 जुलाई :- ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़ी ही श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यापीठ के ट्रस्टी एवं श्रद्धालु पहुंचे। ट्रस्टियों के. के. कौशिक, राजेंद्र सिंघल, श्रवण गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, सुरेंद्र गुप्ता, राजेश सिंगला व प्राचार्य रणबीर भारद्वाज सहित सतबीर कौशिक, यशपाल राणा तथा जयराम संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने जयराम आश्रम के संस्थापक प्रात: स्मरणीय ब्रह्मलीन पूज्य गुरु देवेंद्र स्वरूप महाराज की आरती की और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कुरुक्षेत्र के आलावा देशभर में स्थित अन्य श्री जयराम संस्थाओं में भी गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम बड़े धूमधाम से आयोजित किए गए। कुरुक्षेत्र में जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि जिन जयराम संस्थाओं के श्रद्धालुओं का आना सम्भव नहीं था तो जयराम आश्रम हरिद्वार से परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने सभी सेवकों एवं श्रद्धालुओं को ऑनलाइन संदेश दिया। ब्रह्मचारी ने सबसे पहले अपने आदि गुरु जयराम व अन्य गुरुओं सहित ब्रह्मलीन पूज्य प्रात: स्मरणीय देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी के चरणों में नमन करते हुए परम्परा स्वरूप गुरु पूजन किया। उन्होंने इस के उपरांत अपना आशीर्वाद देते हुए गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन पर अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु का पूजन करने की परंपरा है। महर्षि वेद व्सास की जयंती पर इस पर्व को मनाया जाता है। ब्रह्मचारी ने बताया कि चारों वेदों, 18 पुराणों, महाभारत के रचयिता और कई अन्य ग्रंथों के रचनाकार का श्रेय महर्षि वेद व्यास को दिया जाता है। वेदों का विभाजन करने के कारण इनका नाम वेद व्यास पड़ा। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं की पूजा और उनका सम्मान करते हुए उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कुरुक्षेत्र में विद्यापीठ के सेवकों एवं ब्रह्मचारी विद्यार्थियों ने गुरु ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लिया।
जयराम विद्यापीठ में ट्रस्टी एवं श्रद्धालु गुरु पूजन करते हुए, जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी गुरु पूजन एवं आशीर्वाद देते हुए।