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कुरुक्षेत्र 26 जुलाई :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के कुशल मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यूआईईटी संस्थान भारत सरकार के डीआरडीओ के अनुसंधान लेबोरेट्री के संयुक्त तत्वावधान में डिफेंस टेक्नालॉजी इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करवाएगा। डिफेंस टेक्नालॉजी की यह डिग्री युवाओं को रोजगार, उद्यम लगाने एवं आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ने में सहयोग प्रदान करेगा।
यह जानकारी देते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी व यूआईईटी निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एवं डीआरडीओ के साथ समझौते के बाद एआईसीटीई के दिशानिर्देश के अनुसार 24 विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दाखिला दिया जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्,नई दिल्ली ने इसकी मान्यता भी दे दी है। प्रो. त्रिपाठी ने यह भी बताया कि संस्थान में हुई बोर्ड ऑफ स्टडी की मीटिंग में इसका सिलेबस और स्कीम भारत सरकार के डीआरडीओ विभाग के माध्यम से तैयार की गई गाइडलाइन के अनुसार होगा।
यूआईईटी की यूजी एवम पीजी की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में दिनाक 24 जुलाई की बैठक में इस प्रोग्राम को ब्लेंडिड मोड में चलाने का निर्णय लिया गया। इस प्रोग्राम के विषय संस्थान के शिक्षक एवम डिफेंस लैब के वैज्ञानिक पढ़ायेंगे। लैब्स एवम डिसर्टेशन डीआरडीओ लैब्स में होंगे एवम इसकी सभी व्यवस्था कर ली गई है। बैठक की संयोजिका डॉ. रीटा दहिया ने बताया कि इस कोर्स से जहां संस्थान को फायदा होगा। वही हमारे भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र में तकनीकी के माध्यम से अधिक से अधिक मजबूत करेंगे। इसमें 4 सेमेस्टर के साथ 80 क्रेडिट बेस पर आधारित होगा। डॉ. रीटा ने बताया कि इसमें स्पेशलाइजेशन विषय जो कॉम्बेट वहीकल इंजीनियरिंग, एयर स्पेस टेक्नालॉजी, नेवल टेक्नालॉजी, कम्युनिकेशन एंड सेंसर टेक्नालॉजी, डायरेक्टेड एनर्जी टेक्नालॉजी, हाई एनर्जी मेटेरियल टेक्नालॉजी पर आधारित होगा। इसके लिए 2021 से 2022 सत्र दाखिले के लिए यूआईईटी संस्थान ने सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसे डिफेंस टेक्नालॉजी में इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री प्रदान करने का श्रेय प्राप्त हुआ है।