पूर्णिया संवाददाता
कला भवन के संगीत गुरु स्वर्गीय पंडित वीरेंद्र घोष की दूसरी पुण्य तिथि कला भवन स्थित संगीत विभाग में मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुवात स्वर्गीय वीरेंद्र घोष के तेलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रजज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कलाभवन के कोषाध्यक्ष श्रवण जेजवानी ने कहा कि स्वर्गीय वीरेंद्र घोष केवल संगीत गुरु ही नहीं थे अपितु वे मेरे पिता समान थे। उन्होंने अपने सभी शिष्यों को अपने बच्चे की तरह समझा और सभी को आगे बढ़ाने का काम किया था। उनके विचारों और उनके ज्ञान रुपी विरासत को आगे बढ़ाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मंच संचालन कर रहे नाट्य विभाग के निर्देशक कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि गुरुजी ने अपने जीवन काल में हजारों छात्र व छात्राओं को संगीत की शिक्षा दी। उनके बहुत सारे छात्र देश विदेश में अपने अपने परचम लहरा रहे हैं। वहीं नाट्य विभाग के रंगकर्मी अंजनी श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुजी हमारे बीच नहीं है पर उनके विचार और उनकी यादें आज भी हमारे दिल में हैं। उनकी इस विरासत को आगे ब़ढ़ाने में हमे हर संभव प्रयास करना चाहिए। शिवाजी राव ने कहा कि गुरुजी वर्ष 1971 से वर्ष 2019 तक लगातार कलाभवन में संगीत की शिक्षा छात्रों को दे रहे थे। उनकी पुरानी शिष्या विनिता भारती मुर्मू ने बताया आज में सगीत शिक्षक बन पाई हुं तो यह गुरुजी के ही आर्शीवाद का ही फल है। वे कहती हैं कि गुरुजी परीक्षा के दौरान सदैव मेरे साथ रहते थे और मुझे किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर वे हर संभव मदद को सदैव तैयार रहते थे ऐसे महान गुरुजी की महानता के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। गुरुजी की इस विरासत को आज उनके तीन बेटे दिलीप घोष, सुमन घोष, एवं छोटु घोष संभाल रहे हैं। बतादें कि स्वर्गीय वीरेंद्र घोष कलाभवन को अपने 50 साल दिए। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने गुरुजी के सादगी पूर्ण जीवन की चर्चा किए ऑर बताया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन कला भवन के संगीत विभाग को दिए थे। बीते वर्ष 8 अगस्त, 2019 को इसी कला भवन में उनका निधन हो गया था। उनके द्वारा चलाए गए संगीत विभाग से सैकड़ों छात्रों ने अपनी मुकाम हासिल की। जिनमे दर्जनों छात्रा अन्य राज्यों में चले गए। इस कार्यक्रम में कला भवन के कोषाध्यक्ष श्रवण जेजवानी, कुंदन कुमार सिंह, अंजनी श्रीवास्तव, शिवाजी राव, दिलीप घोष, सुमन घोष छोटू घोष, विनिता भारती मुर्मू, साधना, सुप्रिया सहित दर्जेनों लोग उपस्थित रहे।