पूर्णिया संवाददाता
केंद्रीय कारा पूर्णिया पिछले वर्षों की तरह कला संस्कृति के माध्यम से कारा अधीक्षक राजीव कुमार झा के निर्देश पर कलाकार बंदियों को 20 दिवसीय संगीत नाट्य प्रस्तुति परक प्रशिक्षण कार्यशाला के आयोजन हेतु शहर के लब्ध प्रतिष्ठित कला संस्थाएं भरत नाट्य कला केंद्र एवं शाम की पाठशाला को संयुक्त रूप से संचालित करने हेतु आमंत्रित किया है पूर्व वर्ष स्वामी विवेकानंद युवा उत्सव के समय भी शहर के कला मर्मज्ञ समाजसेवियों प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के समक्ष कार्यक्रम के सफल प्रस्तुति ने केंद्रीय कारा का मान बढ़ाया है । कोरोना काल के बाद केंद्रीय कारा में फिर से बंदियों के बीच आपसी भाईचारा सौहार्द के साथ साथ मनोरंजन के लिए 20 दिवसीय कार्यशाला के आयोजन में भरत नाट्य कला केंद्र और शाम की पाठशाला के संयुक्त तत्वावधान में कलाकार बंदियों और आदिवासियों को शामिल किया जा रहा है । युवा रंगकर्मी शाम की पाठशाला के संस्थापक शशि रंजन और भरत नाट्य कला केंद्र के अध्यक्ष मिथिलेश राय के सौजन्य से यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। भिखारी ठाकुर कला सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ रंगकर्मी श्री मिथिलेश राय राष्ट्रीय जेल सुधार के प्रणेता हैं। विदित हो कि तिहाड़ जेल दिल्ली के तत्कालीन आईजी किरण बेदी को मैग्सेसे सम्मान से नवाजा गया है जो मिथिलेश राय द्वारा रंगकर्म के माध्यम से सुधारवादी कार्यक्रम के संचालन का प्रतिफल है। वर्तमान में भरत नाट्य कला केंद्र और शाम की पाठशाला के संयुक्त तत्वावधान में केंद्रीय कारा पूर्णिया में सुधारवादी कार्यक्रम के तहत 20 दिवसीय संगीत नाट्य प्रस्तुति परक प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया है। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर केंद्रीय कारा पूर्णिया के वर्तमान जेल अधीक्षक श्री राजीव कुमार झा के नेतृत्व में 20 दिवसीय संगीत नाट्य प्रस्तुति परक प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन श्री रूपक कुमार क्षेत्रीय सहायक कारा महानिरीक्षक के द्वारा किया गया। विदित हो कि श्री रूपक कुमार को दो-दो बार विशिष्ट प्रशासनिक सेवा के लिए माननीय राष्ट्रपति भारत सरकार के द्वारा सम्मानित किया गया है ।संगीत नाट्य प्रस्तुति परक प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सैकड़ों बंदियों, बंदी कलाकारों और प्रशासकीय पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय सहायक कारा महानिरीक्षक श्री रूपक कुमार ने जेल के साफ-सफाई, व्यवस्था संचालन की तारीफ करते हुए बंदियों के बीच कला संस्कृति के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन होना मानवता ,प्रेम -शांति और सुधारवादी सराहनीय पहल बताया। जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने बंदियों को प्रोत्साहित करते हुए कार्यशाला में अनुशासन बद्ध रहते हुए अपने सहित बंदियों का मनोरंजन करना एक सुधारवादी पहल का परिचायक बताया । श्री राजीव कुमार झा ने कहा कि हम सभी इंसान हैं हम सबके अंदर कलाकार हैं और धरती रंगमंच। हम चाहे जिस भी वजह से जेल आए हों, जब यहां से वापस अपनी दुनिया में जाएं तो एक बेहतर इंसान बनकर जाएं ।यह संगीत नाट्य कार्यशाला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। शाम की पाठशाला के संस्थापक शशि रंजन ने कहा कि बंदियों के बदलते व्यवहार और कला के समझ को बंदियों में पाना यह बहुत बड़ी बात है। जेल सुधार के प्रणेता और वरिष्ठ रंगकर्मी मिथिलेश राय ने अपने वक्तव्य से सभी बंदियों का उत्साहवर्धन करते हुए कार्यशाला में शामिल होकर जेल की मर्यादा को बढ़ाने पर बल दिया। सजायाफ्ता बंदियों ने सर्वप्रथम स्वागत गान के बाद फूल मालाओं से अतिथि रूपक कुमार ,क्षेत्रीय सहायक कारा निरीक्षक, राजीव कुमार झा, कारा अधीक्षक एवं मिथिलेश राय सहित शशि रंजन जी का स्वागत किया। कार्यक्रम में शिरकत करते हुए जेलर बिरेंद्र राय ने सबों को धन्यवाद ज्ञापित किया।