जांजगीर-चांपा- 17/08/2021/ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन के पर्व की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूती से बांधने के लिए केले, अलसी, भिंडी व भाजियों के रेशे से निर्मित राखियां तैयार की हैं। इसके अलावा धान, चावल, रूद्राक्ष, रंगीन मोती, स्टोन, ऊन से राखियां बनाना शुरू कर दिया है, जिन्हें वे आसपास के मार्केंट के दुकानदारों को उपलब्ध भी करा रही है, साथ ही जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतों में स्टॉल लगाकर बेचेंगी। यह राखियां सस्ते दामों में लोगांे को मिलेंगी। बहेराडीह भदरीपाली गांव की गंगे मईया स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बुधवार से भाजियों के रेशे से निर्मित राखियों का स्टाल जिला मुख्यालय के कचहरी चौक स्थित शारदा मंदिर के पास गांधी भवन में लगाया जाएगा है।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि एनआरएलएम बिहान से महिला स्व सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। रक्षाबंधन त्यौहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा इसको लेकर समूह की महिलाएं पिछले माह से लगातार राखी बनाने का कार्य कर रही हैं। समूह की महिलाओं के लिए योजना के माध्यम से राखियां बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। उन्हें बेहतर स्वरोजगार प्राप्त हो इसके लिए लगातार प्रेरित भी किया जा रहा है।
धान, चावल, मोती, रंगीन धागे का उपयोग
जनपद पंचायत बम्हनीडीह के शित बाबा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती बसंती जायसवाल, सचिव श्रीमती निशा जायसवाल, ग्राम पंचायत गोविदा की जय माता दाई स्व सहायता समूह अध्यक्ष भीमबाई, श्याम कुमारी आदि महिलाओं द्वारा राखी का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा लखाली ग्राम पंचायत में जागृति महिला स्व सहायता समूह द्वारा रंग-बिरंगे ऊन, मोतियों, चावल, धनिया दाना, मसूरदाल आदि मिलाकर राखियों को बनाया जा रहा है। अकलतरा कापन कलस्टर भारत माता महिला ग्राम संगठन, सिद्धि महिला ग्राम संगठन से जुड़ी समूह की महिलाओं द्वारा राखियों को तैयार किया जा रहा है। रक्षाबंधन त्यौहार के पूर्व समूह की महिलाएं घरों में रेशम के धागेे, छोटे-बड़े मोती, चावल के दाने, अलग-अलग रंगीन कपड़े, छोटे-छोटे रूद्राक्ष, रंगीन पत्थर आदि को मार्केट से खरीदकर लाई और राखियां तैयार की हैं।