सुखपाल सिंह नन्नू का बीजेपी को अलविदा कहने के उपरांत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की
फिरोजपुर 20 अगस्त {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:-
जैसे ही सुखपाल सिंह नन्नू ने बीजेपी को अलविदा कहा और वर्षों पुराना बीजेपी का झंडा अपने घर से उतार दिया उसके तुरंत बाद अश्वनी कुमार ढींगरा एडवोकेट प्रदेश कार्यकारिणी मेंबर ने अपनी प्रतिक्रिया देकर कहा कि नन्नू का पार्टी छोड़ना बहुत मंद भागा है और पार्टी के लिए ना पूरा होने वाला घाटा है।
उसका जो भी फ़ैसला है मै उसको सही नहीं मानता हूं सरदार गिरधारा सिंह की आत्मा आज खुश नहीं होगी जिसने अपना सारा जीवन बेदाग़ रहकर जनता की सेवा में लगा दिया ।फ़िरोज़पुर निवासीयो ने भी उनके कारण नन्नु को बहुत इज़्ज़त मान दिया।नन्नु द्वारा आज कुछ जाति रंजिशो के कारण पार्टी छोड़ना बहुत ग़लत फ़ैसला है ।इस फ़ैसले को किसानो से जोड़ना भी ग़लत है अगर किसानो का साथ देना होता तो एक साल पहले ही पार्टी छोड़ देनी चाहिए थी।कुछ लोगों की अपनी स्वार्थी बातों में आकर नन्नु ने पार्टी द्वारा उसे एवं उसके परिवार को दिए इज्जतमान का अपमान किया है,और पार्टी के कार्यकारतो को निराश किया है ।ख़ैर उसको उसके नए सफ़र के लिए शुभ कामनाए।भाजपा परिवार मज़बूत है और मज़बूत रहेगा।
श्री दविंदर बजाज इंचार्ज लोकल बॉडी सेल (पंजाब) ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा की सरदार सुखपाल सिंह को बीजेपी की बदौलत ही इतनी शोहरत मिली थी बड़े दुख की बात है कि किसी बहकावे में आकर उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया और पार्टी को अलविदा कह दिया उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों की हितैषी है किसानों के हक में पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसानों की फसल बीमा योजना में करोड़ों रुपया खर्च करके किसानों के सीधा खाते में डाला है डाला है भारत सरकार की किसान क्रेडिट योजना जिसमें 1.60 लाख रुपे बिना कोई सिक्योरिटी लिए किसानों को लोन दिया जाता है मुझे लगता है कि केंद्र की सरकार किसानों के बीच जल्द ही बीच का रास्ता निकाल के इस मसले को हल कर लेगी लेकिन सुखपाल नन्नू का यह कहना कि वह किसानों के हितेषी हैं और इसलिए भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं वह सरासर गलत है सुखपाल नन्नू को फैसला लेने से पहले यह सोचना चाहिए था कि आज उनकी हैसियत बीजेपी की वजह से ही है न की होशियारपुर से आए सुखपाल सिंह की उन्होंने कहा मुझे लगता है कि सुखपाल सिंह नन्नू को पुनर्विचार करना चाहिए