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सावन के अंतिम शनिवार का हुआ पूजन एवं पार्थिव शिवलिंग अभिषेक।
कुरुक्षेत्र, 21 अगस्त : सावन के अंतिम शनिवार को मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां में अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संत महापुरुषों के सान्निध्य में विशेष पूजन किया गया। यजमान वेद प्रकाश, रीटा रानी, ईशु, रेणू, कूड़ा राम, ओमवती, अनिल, नीरज, जसबीर सिंह, कृष्ण दत्त, कमलेश रानी, ज्ञानो देवी, हरीश व निशा रानी ने पार्थिव शिवलिंग अभिषेक किया तथा उसके उपरांत मारकंडा नदी में विसर्जन किया। महंत जगन्नाथ पूरी ने सावन के अंतिम शनिवार के दिन पूजन एवं अभिषेक का विशेष महत्व बताया। भगवान शिव ने ही शनि देव को न्याय और दण्ड के अधिकारी का पद दिया है। शनि देव स्वयं भी भगवान शिव का पूजन स्मरण करते हैं। इसलिए सावन के शनिवार को शनिदेव का पूजन करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सावन के आखिरी शनिवार के दिन शनिदेव के पौराणिक मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनि ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए शनिदेव के अलावा हनुमान जी एवं भगवान शिव का पूजन उत्तम माना जाता है। ऐसे में शनिदेव की पूजा के साथ साथ भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा अति उत्तम है। सावन शनिवार के दिन महादेव और शनि देव को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष संयोग बना है। इस अवसर पर स्वामी अमरदास, स्वामी सीताराम, स्वामी संतोषानंद, निविद, सतीश, मुक्ति देवी, विकास, स्मृति रानी, हरदिया, हरीश, कृष्ण कुमार, निशा, अमृतपाल कौर, मनप्रीत सिंह व कर्मजीत कौर इत्यादि भी मौजूद थे।
श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में पार्थिव शिवलिंग पूजन करते हुए तथा विसर्जन के लिए जाते हुए। मारकंडा नदी में विसर्जन करते हुए।