हाजीपुर संवाददाता
हाजीपुर की धरती ने एक बार फिर इतिहास रचा।चाचा को भतीजे के समर्थकों ने काला झंडा दिखाया साथ में मोबिल भी फेंक कर विरोध जताया।पहली बार केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद हाजीपुर में आभार यात्रा पर पहुंचें पशुपति कुमार पारस को एक तरफ जहां उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत की।उन्हें 51फीट का माला पहनाकर इतिहास रच दिया।वहीं इसी दौरान हाजीपुर की धरती पर चिराग पासवान के समर्थकों ने उन पर जोरदार विरोध प्रकट किया।सूत्र बतातें हैं कि चिराग पासवान के समर्थकों ने उनकी जमकर फजीहत की और उनके काफिले पर मोबिल फेंका।वहीं विरोध प्रकट करने के लिए काले झंडे भी दिखाए।विरोध प्रकट के दौरान चिराग पासवान के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की और हाजीपुर से वापस जाने को कहा।पशुपति कुमार पारस हाजीपुर के सांसद हैं और पहली बार केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार हाजीपुर की धरती पर आभार यात्रा करने आए थे।यह धरती इससे पहले इनके भाई व पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी और यहां के आम अवाम ने उन्हें अपने सर आंखों पर रखा।पशुपति पारस को 2019 के चुनाव मेें अपना उत्तराधिकारी के तौर पर स्वर्गीय राम विलास पासवान ने उम्मीदवार बनाकर हाजीपुर की जनता की सेवा के लिए संसद भेजा।यहां की जनता ने स्वर्गीय राम विलास पासवान की बात मान ली और पशुपति कुमार पारस को जिताया।अब जब राम विलास पासवान की मौत हो चुकी है और हाजीपुर की जनता के सामने पशुपति कुमार पारस केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पधारें है तो जनता खुश होने के बजाय उनका विरोध कर रही है यह आने वाले दिनों में पशुपति कुमार पारस के लिए इशारा है।जीतना ही कामयाबी नहीं बल्कि जीतने के बाद भी जनता के दिलों में जगह मिल जाए तो सफलता है।लेकिन पशुपति कुमार पारस के खिलाफ हाजीपुर में जिस तरह से जनता ने विरोध प्रकट की है वो एक केन्द्रीय मंत्री के लिए शर्म की बात है।