माहेश्वरी महिला मंडल की सभी महिलाओं ने आपने आपने घर मे पूजा अर्चना की ओर रात चाँद को आरख देकर अपना ब्रत तोड़ा
फारबिसगंज ( अररिया ) संवाददाता
फारबिसगंज माहेश्वरी महिला मंडल की सभी महिलाओं ने कजली सातुड़ी तीज बहुत धूम धाम से आपने आपने घर मे मनाई। सभी महिलाओं ने आपने आपने घर मे पूजा अर्चना की ओर रात चाँद को आरख देकर अपना ब्रत तोड़ा। चुन्नी देवी सारदा ने बताया कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सातुड़ी तीज मनाई जाती है। इसे सातुआ तीज, कज्जली तीज, कजरी तीज और बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है।इस दिन जाै, चना, चावल और गेहूं के सत्तू बनाकर उसमें मेवा मिलाकर भाेजन बनाया जाता है। इस दिन झूला झूलने की मान्यता भी है।इस दिन चंद्र दर्शन कर तथा अर्घ्य देकर व्रत का तोड़ा जाता है।
सातूड़ी तीज अर्थात सत्तू तीज माहेश्वरी संस्कृति का विशिष्ट पर्व है। इससे समाज की उत्पत्ति का इतिहास जुड़ा है। जब से माहेश्वरी ने हथियार त्यागकर कलम, तराजू उठाए, तब से ये पर्व अनवरत मनाया जा रहा है।
सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करती है।
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