फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में यूनिसेफ की घोषणा के करीब 4 महीने बीत जाने के बाद अब धरातल पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को उतारने की अंतिम रूप देने की कवायद शुरू हो गयी है।जहां मंगलवार को अनुमंडल अस्पताल में हैदराबाद से ऑक्सीजन प्लांट के मशीन की ट्रक पहुंच चुकी है ।एवं इंजीनियर के आते ही मशीन इन्स्टॉल कर शीघ्र प्लांट कार्य करना शुरू हो जायेगा।इस मौके पर प्रबंधक नाजिश नियाज ने बताया की ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के कार्य को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।जहां हैदराबाद से मशीन तो आ गयी है एवं इंजीनियर के आने के उपरांत मशीन को इंस्टॉल किया जायेगा उसके बाद जांच में भेज अप्रूव कर प्लांट शुरू हो जायेगा।गौरतलब है की भास्कर ने ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की विलंब से कार्य शुरू होने की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।जिसमें बताया गया था की एक तरफ यूनिसेफ के द्वारा फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में लगाए जाने वाला कोविड मरीजों के सुविधा के लिये ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का निर्माण कार्य घोषणा के 20 दिन बाद भी शुरू नहीं हो सका लेकिन दूसरी तरफ दुविधा में साथ देने के लिये कोविड मरीज के शव को सम्मान के लिये शव वाहन की जरूर उपलब्धता करा दी गयी जिससे कोरोना काल में कोविड मरीजों के सुविधा और सहायता की मुस्तैदी सरकारी सिस्टम की साफ नजर आती है।अधिकारियों ने कहा की शव वाहन कोविड के लिए तात्कालिक रूप से मिला है।ये एक एम्बुलेंस को ही मॉडिफाई करके बनाया गया है।लेकिन कोविड मरीजों को सुविधा देने वाली ऑक्सीजन प्लांट की अब तक कोई खोज खबर नहीं।जहां दूसरी लहर के बढ़ते कोरोना संक्रमण में सरकारी सिस्टम की शिथिलता से क्षेत्र के लोगों में मायूसी है। ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना की घोषणा के बाद जहां अस्पताल प्रसासन के द्वारा लंबे लंबे दावा कर कहा गया था कि ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का शीघ्र ही शुभारंभ कर कोविड मरीजो को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं विडंबना है कि 20 दिन बीत जाने के बाद प्लांट निर्माण का शुभारंभ तो दूर कोई सुगबुगाहट नही होने से कोरोना मरीजो के प्रति अस्पताल प्रशासन की सुविधाओं के दावा का पोल खुलता हुआ प्रतीत हो रहा था ।