जन्माष्टमी पर रूप सज्जा समारोह का आयोजन गंगा सरस्वती शिशु मंदिर श्री रानी सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ आयोजन
संवाददाता मो माजिद
फारबिसगंज(अररिया)स्थानीय गंगा सरस्वती शिशु मंदिर श्री रानी सरस्वती विद्या मंदिर फारबिसगंज में शनिवार को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर रूप सज्जा समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के शिशु वाटिका खंड के भैया बहनों ने श्री कृष्ण एवं राधा का रूप धारण किया जो कि काफी आकर्षण का केंद्र रहा।
विद्यालय के मंदिर परिसर में राधा और कृष्ण के रूप में अनेकों जोड़ी शामिल हुए। जिसके दर्शन करने के लिए विद्यालय के दर्जनों अभिभावक शामिल हुए। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव डॉ सुशील प्रसाद नायक ने कहा कि आज के दिन सभी माता पिता अपने छोटे-छोटे भैया-बहनों में कृष्ण एवं राधा के रूप का दर्शन करते हैं।
विद्या मंदिर खंड के प्राचार्य आशुतोष कुमार मिश्र ने कहा पर्यावरण को संरक्षण करने की कला हम श्रीकृष्ण जी से सिख सकते हैं। प्रकृति को मान दिलाने के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण लोकनायक के रूप में स्थापित हुए। चाहे कालिया नाग के विष के प्रभाव से यमुना को मुक्त कराने का कार्य हो अथवा इंद्र का दम्भ चूर करने के लिए गोप-ग्वालों के द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा कराना हो,
शिशु मंदिर खंड के प्रधानाचार्य अवधेश प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा
द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण का जन्म अधर्म का नाश एवं धर्म की रक्षा के लिए हुआ था।
भगवान श्रीकृष्ण स्वयं लगातार कर्म करते हुए कर्म करने की प्रेरणा विश्व को दिए हैं। वे योगेश्वर थे और गीता में कई जगह योग पर बल दिया है।उनके जीवन ओैर कथा से विनयशील होने और अहंकार छोड़ने की प्रेरणा मिलती है। उनका जीवन सत्य पर आधारित था उनका जीवन सदा दूसरों पर उपकार करने वाला ही था। भगवान श्रीकृष्ण ने ग्वालों को संगठित कर समरस एवं सुसंगठित समाज का निर्माण किए थे।
इस अवसर पर छात्रावास अधीक्षक धीरेंद्र नाथ झा, शिशु वाटिका प्रमुख नमीता वर्मा, अरविंद झा, संजय झा, स्वाति गुप्ता, स्नेहा गुप्ता समेत अन्य आचार्य एवं दीदी जी उपस्थित थे।