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भजन संध्या से सम्पन्न हुआ मनोहारी सावन उत्सव, सुनीता दुआ सहगल ने दी प्रस्तुति।
कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार……
मीठे रस से भरी रे राधा रानी लागे, मोहे खारो खारो जमना जी को पानी लागे—
कुरुक्षेत्र :- हरियाणा कला परिषद् द्वारा आयोजित मनोहारी सावन उत्सव का समापन भजन संध्या के साथ हुआ। सावन माह के उपलक्ष्य में आयोजित भजन संध्या में अम्बाला की सुनीता दुआ सहगल ने भगवान कृष्ण के भजनों से खूब समां बांधा। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप मे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की संगीत एवं नृत्य विभागाध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता शामिल रही। मंच संचालन विकास शर्मा ने किया। कार्यक्रम से पूर्व कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा कला परिषद का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संस्कृति का विस्तार करना है, ऐसे में हरियाणा के कलाकारों को मंच प्रदान करते हुए सांस्कृतिक आयोजन कर कला को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित भजन संध्या से धार्मिक भावों को सांझा करने का मौका मिलेगा। सुनीता दुआ सहगल ने कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मंत्र से की, इसके बाद तेरी वीणा की बन जाउं तार प्रस्तुत कर मां सरस्वती का वंदन किया। कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार मोहे चाकर समझ निहार, ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुनादों तान आदि भजनो से सुनीता दुआ सहगल ने खूब समां बांधा। उसके बाद पायो जी मैने राम रत्न धन पायो, जाउं चरण कमल पे वारी हे गोविंद गोपाल मुरारि, मोहना मुरलीधरा, कृष्णा आनंद मनमोहना जैसे भक्तिरस से ओतप्रोत भजनों के माध्यम से सुनीता ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। एक के बाद एक भगवान कृष्ण के भजन सुनाकर सुनीता दुआ ने भरपूर वाहवाही लूटी। माहौल ऐसा था कि दर्शक दीर्घा में बैठे सभी श्रोता भक्ति के धारा प्रवाह में गोते लगाते नजर आए। सांवलो सलोनो घनश्याम जैसे भजनों ने सभी को खूब आनंदित किया। अंत में कृष्ण धुन ने पूरे माहौल में ऐसा रंग भरा कि श्रोता करतल ध्वनि से गायिका का साथ देते नजर आए। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि मदन मोहन छाबड़ा ने कलाकारों की हौंसलाअफजाई की। वहीं अतिथियों तथा गायिका सुनीता दुआ सहगल को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।