हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 1 सितम्बर :- वाणिज्य विभाग व मानव संसाधन विकास केंद्र, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में ’महामारी उपरान्त युग में व्यवसाय व शिक्षा की पुनर्रचना’ विषय पर आयोजित 14 दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत प्रतिभागियों द्वारा प्रथम दिवस की रिपोर्ट प्रस्तुति के साथ हुई। प्रातः कालीन सत्र में पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से प्रो. गुरचरण सिंह ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए व्यक्तित्व विकास के 24 प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रेरक लघु कथाओं व डाक्यूमेंट्री फिल्म्स में माध्यम से अत्यंत प्रभावपूर्ण तरीके से अपनी बात कही। उन्होंने बताया कि हमें सकारात्मक सोच रखते हुए प्रगतिशील परिवर्तन के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। दूसरों की नकल करने के बजाए अपनी वास्तविकता को बरकरार रखते हुए अपने व्यक्तित्व को निखारना चाहिए। इस सत्र की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से डॉ कुशविंदर कौर ने की।
सांयकालीन सत्र में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्रो पंकज गुप्ता ने शोध – पत्र प्रकाशन व इससे जुड़ी हुई अहम बातों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि झूठे व नकली शोध पत्रिकाओं से किस प्रकार बचा जा सकता है। उन्होंने प्रबन्ध में भौतिकी विज्ञान की तकनीकों के प्रयोग के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि कला और विज्ञान के इस अनूठे संगम से प्रबंधन सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त किया जा सकता है। इस सत्र की अध्यक्षता तमिलनाडु से डॉ. केएम दीपा ने की।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. महाबीर नरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित 9 राज्यों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. तेजिन्दर शर्मा ने ऑनलाइन चलाए जा रहे इस कार्यक्रम की सफलता के लिए कार्यक्रम संयोजक डॉ. महावीर नरवाल व सह-संयोजिका डॉ. रश्मि चौधरी को बधाई दी।