सुपोषण के लिए पूरे माह चलेगा अभियान
कन्नौज l पोषण अभियान बच्चों, किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण में सुधार लाने के लिए चलने वाला एक प्रमुख कार्यक्रम है । इसका मुख्य उद्देश्य जनआंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। विभिन्न विभागों के समन्वय से चलने वाले पोषण माह में महिला एवं बाल विकास विभाग नोडल विभाग की भूमिका निभाएगा। इस वर्ष पोषण माह के तहत चार सप्ताह की चार अलग-अलग थीम रहेगी। जिला स्तर पर इस वर्ष भी पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश वर्मा ने बताया किकोरोना काल ने हमें स्वस्थ शरीर और प्रतिरोधक क्षमता का महत्व सिखा दिया है । स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक आहार का बहुत अधिक महत्व है । यह शारीरिक विकास के साथ कई प्रकार की बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है । इसलिए
राष्ट्रीय पोषण माह में गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण की श्रेणी से निकालने के लिए भरसक प्रयास किया जायेगा| इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण कर बच्चों, किशोरियों, धात्री और गर्भवती को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक भोजन और पोषण वाटिका को विकसित कर पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगी । इसके साथ ही भोजन में किस तरह से पोषक तत्व का समावेश हो इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगी |
उन्होंने बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे के पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों को चिन्हित कर सम्बंधित सीएचसी या जिला चिकित्सालय में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में इलाज के लिए भेजेंगी | डीपीओ ने बताया कि कोविड-19 के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया जाएगा।
प्रथम सप्ताह आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, पंचायतों एवं अन्य सार्वजनिक भूमि आदि में उपलब्ध स्थानों पर पोषण वाटिका के रूप में पौधरोपण किया जाएगा।
दूसरा सप्ताह गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूहों के लिए आयुष और योगा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
तीसरा सप्ताह पोषण संबंधी प्रचार-प्रसार सामग्री और पुष्टाहार वितरण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की आहार विधियों को प्रसारित किया जाएगा। चौथा सप्ताह अति कुपोषित व मध्यम कुपोषित बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा बच्चों में पांच वर्ष तक की आयु तक के लिए लंबाई/ऊंचाई और वजन मापन अभियान के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा।
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जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी