श्रद्धा के बिना भक्त और भगवान का मिलन संभव नहीं=आचार्य शांत
सगड़ी (आजमगढ़): जूनियर हाई स्कूल जीयनपुर के प्रांगण में आयोजित श्री राम कथा के प्रथम दिन उपस्थित भक्तों को राम ज्ञानगंगा का रसपान कराते हुए आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि बिना श्रद्धा के भक्त और भगवान का मिलन संभव नहीं है । जब तक व्यक्ति के मन में ईश्वर के प्रति विश्वास और समर्पण नहीं होगा उसे परमगति की भी प्राप्ति नहीं हो सकती। शांतनु जी महाराज ने कहा कि संत समाज का कल्याण करता है। इस नाते उनका सम्मान जरूरी है। लेकिन समाज में जो असंत हैं उनका सम्मान करना सबसे पहले जरूरी है। तुलसीदास जी ने कहा है कि– निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय। रामकथा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि राम भक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान शंकर की आराधना अति आवश्यक है। इसको भगवान राम ने स्वयं कहा है– शिव द्रोही मम दास कहावा, यह मत मोहि सपनेहूं नहीं भावा।
गुरुवार को शुरू हुई रामकथा के पूर्व कार्यक्रम के आयोजक डॉ रूपेंद्र के पिता रामप्रसाद,माता गीता सिंह और सुशीला देवी ने शांतनु जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। क्षेत्र के देवेंद्र सिंह, जयराम सिंह पटेल, राम आशीष यादव, अनिल मिश्रा, अलीपुर के प्रधान महफूज खान ने भी माल्यार्पण किया ।