कैसे मिलेगा कोरोना से छुटकारा
जब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ही दे रहे हैं कोरोना को सहारा दिख रहे हैं बिना मास्क प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डीके गौतम
आज़मगढ़।जनपद के बिलरियागंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ देखकर ही आप को अंदाजा लग जायेगा कि कोरोना जैसी भयानक महामारी से छुटकारा पाने को लेकर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर वी के गौतम कितना चिंतित और एलर्ट हैं। कुछ डॉक्टरों को छोड़कर बकियो द्वारा मास्क का भी प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
सी एच सी बिलरियागंज पर प्रति दिन वैक्सीन लगवाने के लिए सैकड़ों महिला पुरुष आते हैं।
किन्तु वैक्सीन लगवाने आए किसी के मुंह पर मास्क नहीं रहता है और नहीं यहां पर कोविड 19 के नियमों का पालन होता है। उपर से अति शीघ्र टिका लगवाने के लिए लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे रहते हैं।
यह सच्चाई हॉस्पिटल में मौजूद जनता के भींड़ की तस्वीर बता रही है।
इस भींड़ में नतो किसी के चेहरे पर मास्क दिख रहा है और नाहीं किसी के बीच दो गज की दूरी दिख रही है।
इसके बाद भी आम जनता को बड़ी आसानी से वैक्सिनेशन कर दिया जाता है।
यह सब कुछ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की आँखों के सामने होता है।सब कुछ जानने के बाद भी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मौन रहते हैं।जब एक संवादाता ने डॉक्टर की चुप्पी का कारण जानना चाहा तो अस्पताल के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रभारी सब करोना का टीका मुँह मांगी कीमत लेकर बेचवा रहे हैं जो पैसा देकर इंजेक्शन का कूपन लिया है वह निडर हाजर हॉस्पिटल में बिना मास्क लगाए घूमता है उसी को देखकर दूसरे लोग भी निडर होकर घूमते है जिन्हें डाक्टर साहब देखकर चुप रहते हैं।
आखिर इस भीड़ में कोई करोना पीड़ित हो और उसके चपेट में में एक स्वस्थ ब्यक्ति आगया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। पीड़ित ब्यक्ति खुद होगा या कानून का पालन करवाने वाले प्रभारी चिकित्सा अधिकारी साहब जैसे लोग होंगे ।