जांजगीर-चांपा 05-09-2021/ आजादी का अमृत महोत्सव के साथ ही जिले में महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से कृषि और इससे संबंद्ध गतिविधियों के कार्यों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले की जनपद पंचायत पामगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत मेंकरी में ऐसा ही कृषि एवं उससे संबंधित कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पनबंधी तालाब गहरीकरण का कार्य किया गया। जिससे ग्रामीणों सहित किसानों को भी इसका फायदा मिल रहा है, साथ ही गांव में ही रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति ग्राम पंचायत मेंकरी। जहां की आबादी 2400 सौ के करीब है। गांव के ग्रामीणों का मुख्य कार्य खेती-किसानी है, जो तालाब आदि पर ही निर्भर है। यहां पर पनबंधी तालाब है, जिसके बारे में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में तालाब का निर्माण कब किया गया था कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन जो बुजुर्ग बताते हैं कि उनके अनुसार यह कई सालों पहले उनके पुरखों के द्वारा निर्माण कराया गया था। इस तालाब में निस्तारी के साथ ही अन्य उपयोग में लाया जाता रहा है। ग्रामीण श्री पप्पू खरे, श्री कुंजुराम केंवट, श्री बृजराम साहू, राजेन्द्र कुमार साहू, श्री मनहरण, श्री डोलाराम का कहना है कि तालाब काफी पुरानी एवं उपयोग है, लेकिन कुछ साल से इसकी स्थिति काफी खराब हो चुकी थी, ऐसे में ग्राम पंचायत में इस बात को रखा गया कि तालाब की साफ-सफाई होनी चाहिए, ऐसे में मनरेगा के रोजगार सहायक श्री राजेश कुमार लहरे ने ग्रामीणों को महात्मा गांधी नरेगा से गहरीकरण कराये जाने की बात को बताया। इसके बाद सर्वसम्मति से ग्रामीणों ने प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। तालाब गहरीकरण के लिए 9.909 लाख रूपए की मंजूरी मिली। मंजूरी मिलने के बाद पनबंधी तालाब गहरीकरण का कार्य 31 जनवरी 2021 से शुरू किया गया। मनरेगा के श्रमिकों की गहरी सहभागिता के साथ तेजी से काम किया गया। जिसमें 287 परिवारों ने काम करते हुए 4 हजार 990 मानव दिवस सृजित किए। इससे एक ओर जहां तालाब निर्माण के साथ आसपास की खेती योग्य जमीन का जल स्तर बढ़ गया तो दूसरी ओर कोरोना काल के दौरान लोगांे को गांव में ही रोजगार मिल गया। तालाब के आसपास के किसानों को भी फसल के लिए पानी मिल रहा है। तकरीबन 15 से 20 किसानों की 20 से 25 एकड़ जमीन के लिए फायदा पहुंच रहा है। आसपास के किसान दोहरी फसल के साथ बाड़ी भी लगा रहे हैं।
ग्राम पंचायत मेंकरी सरपंच श्री विक्रम रात्रे का कहना है कि मनरेगा योजना ग्रामीण विकास की आधारशिला हैं इस योजना से न केवल लोगों को रोजगार मिलता है, साथ ही परिसंपत्तियों का निर्माण भी किया जा रहा है।
तालाब से उठने वाली बदबू से मिली मुक्ति
ग्रामीण श्री डोलाराम, श्री पुनीदास मानिकपुरी, श्री मनोज बर्मन, श्री पुरेन्द्र वैष्णव, इंद्रकुमार आदि ने बताया कि जिस तालाब से लोग पानी पिया करते थे, जिससे खेती का कार्य होता आया, उस तालाब की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि लोग उसके आसपास बैठना भी पसंद नहीं करते थे, चारों तरफ सिर्फ गंदगी ही गदंगी नजर आती थी। लोग चाहकर भी तालाब की सफाई नहीं करा पा रहे थे, क्योंकि साफ-सफाई के लिए ग्राम पंचायत के पास कोई राशि नहीं थी। ऐसे में ग्रामीणों की समस्या को महात्मा गांधी नरेगा योजना ने गंभीरता से समझा और उसका निदान करते हुए गहरीकरण कराया। गहरीकरण होने के बाद पुरखों के द्वारा बनाया गया पनबंधी तालाब संरक्षित हो गया।