चिकित्सकों की उपेक्षा और दवाओं के अभाव में हो रही मरीजों की मौत
मानेन्द्र बहादुर सिंह मिर्जापुर।
मुख्य चिकित्साधिकारी की लापरवाही चलते जनपद चिकित्सालय मिर्जापुर की स्थिति बदर हो गयी है। चिकित्सकों की लापरवाही और दवाओं के अभाव में भर्ती मरीजों की मौत हो रही है।
भर्ती मरीज श्री श्यामलाल सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 6 सितम्बर की अर्धरात्रि में में श्री सिंह की हालत खराब होने पर काफी मशक्कत के बाद उन्हें भर्ती किया गया। आक्सीजन का सपोर्ट दिया गया किंतु उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजनों ने ड्यूटी डाक्टर की खोज की तो वह अनुपस्थित थे। वहाँ मात्र वार्ड ब्वाय मौजूद था। परिजनों ने डाक्टर की खोज की तो वह एयरकंडीशन कमरे में सोते हुए मिले। मरीज की स्थिति बताने के बाद उनसे जांच का अनुरोध किया गया। इस पर उक्त डाक्टर गुस्से से आग बबूला हो गया और कमरे से बाहर निकाल दिया गया। परिजनों के पुनः अनुरोध पर प्रातः 04:00 बजे क्रोधित होते हुए कहा कि ‘चलो तुम्हारे मरीज को ठीक कर देता हूँ’ और आकर नर्स से एक इंजेक्शन लगवाया, इसके बाद स्थिति और बिगड़ने लगी। लगभग 05:00 बजे मरीज को बाहर ले जाने के लिए रेफर कर दिया। उसी समय श्यामलाल सिंह की मौत हो गई। मरीजों ने बताया कि रात के समय कोई भी डाक्टर मरीजों को देखने नहीं आता है। भर्ती मरीज मोहम्मद महफूज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल से कोई दवा नहीं मिलती है। सारी दवा बाहर से लानी पड़ती है। वार्ड ब्वाय को ड्यूटी डाक्टर का नाम भी पता नहीं रहता।
मिर्जापुर प्रदेश का पहाड़ी क्षेत्र है। बहुसंख्यक आबादी गरीबी रेखा के नीचे निवास करती है। गरीब व्यक्ति सरकारी अस्पताल में अपने इलाज के लिए आता है, किन्तु अस्पताल में सुविधाओं, दवाओं का अभाव और चिकित्सकों के दुर्व्यवहार से मरीजों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। आए दिन हो रही मौत को देखते हुए परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का ध्यान इस समस्या की आकृष्ट कराया है।