हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया चौठचंद्र पर्व चांद की पूजा कर लोगो ने किया प्रसाद ग्रहण
फारबिसगंज (अररिया)से मो माजिद
चंद्रमा देखकर पूजा करने के साथ ही फारबिसगंज समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में हर्षोल्लास के साथ चौठचंद्र पर्व मनाया गया।
भादो महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को मनाये जाने वाले पर्व को मिथिला में चौठचंद्र कहते हैं। इस पर्व को शाम में फल के साथ चंद्रमा को देखने के बाद उसकी पूजा की जाती है। पूजा के बाद पूजास्थल पर घर के सभी सदस्य बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
मिथिलांचल में गणेश चतुर्थी के दिन चौरचन पर्व मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे चौठचंद्र नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मिथिलांचल के लोग काफी उत्साह में दिखाई देते हैं। लोग विधि-विधान के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं। इसके लिए घर की महिलाएं पूरा दिन व्रत करती हैं और शाम के समय चांद के साथ गणेश जी की पूजा करती हैं। पर्व में विभिन्न तरीके के पकवान व फल चढ़ाए जाते हैं।चौठचंद्र के साथ ही हिंदू पर्व की शुरुआत हो गयी।
आज से 20 दिन बाद नवरात्र और नवरात्र के 20 दिन बाद दीपावली पर्व मनाया जाएगा।