तीन हिस्सा घर बकरा नदी में विलीन
भीख मांग कर सात परिवारों का पोषण
पीड़ित परिवार पैर व आँख से अपाहिज
जोकीहाट (अररिया)से मो माजिद
जोकीहाट प्रखंड के मटियारी गांव में बकरा नदी के कहर से दर्जनों परिवार बेघरत हो गए है, जो दुसरे के बरामदे दरबाजे पर बसेरा किये हुए हैं। वर्तमान में एक परिवार ऐसा भी है जो पैर से, आँख से अपाहिज है। जो भीख मांग कर गुजारा करते थे, जिनका नाम है दुखाई पत्नी जैनब ग्राम मटियारी थाना जोकीहाट निवासी हैं। इसे पांच बच्चा सहित बूढ़ी मां है। सभी बच्चे छोटे छोटे है जिस की
परवरिश भीख मांग कर होती है। वर्तमान में इस परिवार का
तीन हिस्सा घर बकरा नदी के कटान में विलीन हो चुका है। कटान जारी है इसी एक हिस्से घर मे रहना सहना हो रहा है, कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। इस के पास कोई भूमि नही है, जो घर था वह भी तीन हिस्सा बकरा नदी के कटान में विलीन हो गया।
दुखाई की पत्नी जैनब बताती है कि मेरे पति आँख व एक पैर से अपाहिज है, भीख मांग कर जीवन यापन हो रहा था।
लेकिन अब घर ही नही रहेगा तो हम परिवार कहा रहेंगे। इस समस्याओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई । किसी से अब तक कोई किसी प्रकार की सहायता नही मिली। जिस से यह परिवार जीते जी मर रहा है।
मटियारी से खलील चौक को जोड़ने वाली सड़क भी कटान में गिरता जा रहा है। एक हिस्सा सड़क कटान में जा चुका है।
मटियारी वार्ड सदस्य मुख्तार टोला डीलर टोला
में दर्जनों घर कटान के भेंट चढ़ गए। किसी को कोई सहायता नही मिला। सड़क को बचाने के लिए जल निस्तारण विभाग द्वारा बांस बल्ली से कार्य कर योजना के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है । कटान के नाम पर कागजी लूट हो रही हैं। उक्त सड़क कटान रोकथाम के लिए दो बार योजना चलाई गई, पर कोई असर नही ,कटान जारी है।
ग्रामीणों की मानो तो जब तक कटान रोकथाम के लिए
बोल्डर पिचिंग या पिलरो माध्यम से कार्य करने से समस्या का निराकरण किया जा सकता हैं।
बकरा नदी के कटान रुकने का नाम नही ले रही है। फरसाडांगी,रहरिया, खिखरमानी, मटियारी कुर्सेल बलवा आमगाछी बेगना आदि गांव में कटान जारी है।गैरकी मसूरिया पंचायत में प्राo विo चौधरी टोला विद्यालय भवन बकरा नदी में विलीन हो गया । अब रहरिया जामा मस्जिद भी कटान के करीब है । प्राo विo रहरिया नदी पार स्कूल भवन भी कटान के निकट है, जिस से लोगो की परेशानिया बढ़ी हुई है ।
कटान की समस्या विधानसभा सत्र के दौरान मीम विधायक शाहनवाज आलम ने आवाज उठाई थी।
अंचल व आपदा के अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही दिये।
किसी ने पूरा सहयोग नही किया।
इस कारण कटान पीड़ित परिवारों में भय का माहौल उतपन्न है।