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शिरड़ी सांई मंदिर में भक्तों ने की पूजा अर्चना ।
कुरुक्षेत्र,16 सितंबर :- श्री शिरड़ी सांई मंदिर में वीरवार को सांई भक्तों ने पूजा अर्चना की। कई भक्तों ने मनोकामना पूर्ण होने पर प्रसाद वितरित किया। श्री सांई गाथा सुनाते हुए संघ के अध्यक्ष डा. विजय शर्मा ने कहा कि साईं कहे वचनों के अनुसार क्षमा केवल गलती का मरहम हो सकता है, विश्वास तोडऩे का नहीं। इसलिए जीवन में ध्यान रखना चाहिए कि हम कोई गलती भले ही करें किंतु किसी का विश्वास न तोडें। क्योंकि माफ करना फिर भी सरल है परंतु भूलना और पुन: विश्वास करना असंभव है। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में भले ही प्राकृतिक नेत्र कुछ नहीं देख सकते परंतु मन की आंखें उन सभी दृश्यों को देख लेती हैं जो उसमें प्रवेश कर गया होता है। क्योंकि प्राकृतिक नेत्र की दृष्टी क्षमता स्थूल दृश्यों तक सीमित है परंतु सूक्ष्म जगत में विचरण करने वाले मन की दृष्टी असिमित है। आध्यात्मिक जगत के सारे दृश्य मन की आंखों द्वारा ही देखे जाते हैं। अत: मन की दृष्टि क्षमता विकसित हो सके उसके लिए हमें निरंतर परमात्मा का सुमिरण करना चाहिए। इस मौके पर गायकों द्वारा सुनाए गए भजन शिरडी वाले साईं बाबा, आया है दर पे तेरे सवाली…पर साईं भक्त झूम उठे। साई आरती में पुजारी विजय दत्त,श्याम सुदंर सेठी,परविन्द्र मनचंदा,राजेश्वर,सुरेश कुमार, प्रवीण शर्मा,रमण बंसल,यश अरोड़ा,सत्य प्रकाश,धीरज मैहता,तरूण ढींगढ़ा,गगनदीप ढींगड़ा,गौरव गर्ग,केशव मिगलानी,अनिल अरोड़ा,ममता अरोड़ा और कमलेश आदि शामिल रहे। साई मंदिर में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु।