जनपद में सास-बेटा- बहू सम्मेलन का शुभारंभ
✍️संवाददाता दिव्या बाजपेई
महिलाओं को दी गई परिवार नियोजन की जानकारी
जिले में 20 अक्टूबर तक आयोजित होंगे सम्मेलन
कन्नौज । छोटा परिवार सुख का आधार इस बात को समझाने व परिवार नियोजन के प्रति लोगों में अलख जगाने के लिए चिकित्सा एव स्वास्थ्य विभाग मिशन विकास परिवार के अंतर्गत जिले के स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सास-बेटा- बहु सम्मेलन आयोजित किया गया।
शासन के निर्देश पर 20 अक्टूबर तक चलने वाले इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य सास बेटा एवं बहू को एक साथ, एक मंच पर लाकर परिवार नियोजन के लिए जागरूक करना है। इसके साथ ही परिवार नियोजन स्थाई व अस्थाई साधनों की जानकारी देते हुए इन साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। इस संबंध में परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल डा.राम मोहन तिवारी ने बताया कि सामाजिक व्यवस्थाओं में परिवार का बड़ा महत्व है। खासकर घर की सबसे बड़ी व बुजुर्ग महिला का। शायद, यही वजह होगा कि बहू का निर्णय कहीं ना कहीं सास की विचारधाराओं से प्रभावित रहता है। परिवार नियोजन के लिए सास-बहू का आपसी सामंजस्य महत्वपूर्ण है। इसके कारण सास और बहू को एक मंच पर साथ लाकर जागरूक किया जा रहा है। खेल व अन्य गतिविधियों के माध्यम से इस कार्यक्रम को और बेहतर किया जाएगा। ऐसा करने से प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव आएगा।
उन्होंने बताया कि परिवार में प्राय सभी निर्णयों में पुरुषों की अहम भूमिका होती है, इसे देखते हुए इस बार सम्मेलन में परिवार के बेटों व बहू को भी शामिल किया गया है। इस दौरान सीएचसी छिबरामऊ के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रेमपुर क्षेत्र के गांव डालूपुर स्थित प्राथमिक विघालय में आयोजित कार्यक्रम में जिला परिवार कल्याण एवं लाजिस्टिक प्रबंधक यामिनी ने शासन की ओर से संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए परिवार नियोजन अपनाना जरूरी है। उन्होंने विवाह की सही उम्र तथा दो बच्चों के बीच का अंतर रखने के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थायी साधनों के बारे में चर्चा करते हुए महिलाओं के गर्भ धारण से लेकर शिशु जन्म तक के टीकाकरण एवं उसकी देखभाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सास-बहू के मीठे एवं सहयोगपूर्ण संबंधों की आधारशिला पर ही स्वस्थ शिशु एवं सुरक्षित गर्भ की कल्पना साकार होगी। शिशु के जन्म के समय से छह माह तक स्तनपान कराने पर विशेष ध्यान रखने की सलाह देने के साथ ही साफ-सफाई रखने पर विशेष बल दिया।
बीसीपीएम शबाना ने महिलाओं और बच्चो का सही समय पर सम्पूर्ण टीकाकरण करने पर जोर दिया तथा बताया कि अगर एक बच्चे को सभी टीके सही समय पर लग जाए तो बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है | परिवार नियोजन के साधनों को अपनाकर महिला अपने परिवार को सीमित और खुशहाल बना सकती है |
उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की सुबिधायें महिला नसवंदी, पुरुष नसवंदी, कापर टी, अंतरा त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन और साप्ताहिक गोली छाया को अपनाकर हम अपने परिवार को सीमित कर सकते हैं |
डालूपुर गांव की रहने वाली निर्मला(28 वर्षीय)कहती हैं कि इस तरह के कार्यक्रम से हम लोगों को काफ़ी जानकारी मिल जाती है | हमें आशा दीदी ने बताया की छोटा परिवार अच्छा परिवार होता है मैं तो सिर्फ दो ही बच्चे करुँगी साथ ही समय से टीकाकरण, स्तनपान व साफ-सफाई का भी ध्यान रखूंगी। कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम में उपस्तिथ स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राम विलास शाक्य द्वारा सास बहू को पुरुस्कार भी वितरित किए गये। इस दौरान ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर प्रेमा वर्मा आशा कार्यकर्ता सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं |