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रोबिन हुड टंट्या भील के जीवन संघर्ष पर आधारित नाटक की तैयारी।
रंगकर्मी दिखा रहे अभिनय कौशल।
कुरुक्षेत्र :- हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन कुरुक्षेत्र में आयोजित 20 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में हरियाणा के जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार आदि जिलों के रंगमंच के कलाकार अभिनय की बारीकियां सीखते हुए नाटक की तैयारी में लगे हैं। गौरतलब है कि हरियाणा कला परिषद प्रदेश की कला और संस्कृति को विस्तार देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, ऐसे में युवा पीढ़ी में कला को जागृत करते हुए रंगमंच के क्षेत्र से जोड़ने के लिए 20 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कुरुक्षेत्र के रंगकर्मी ऋषिपाल द्वारा अभिनय का प्रशिक्षण देते हुए नाटक रोबिन हुड टंटया भील की तैयारी करवाई जा रही है। हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला में लगभग 25 कलाकार अभिनय की बारीकियों को सिखते हुए नाटक की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि टंट्या भील को इंडियन रोबिनहुड के नाम से जाना जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक बड़े योद्दा के रुप में लड़े थे । कहा जाता है कि आज भी बहुत आदिवासी घरो मे टंट्या भील कि पुजा कि जाती है। टंट्या भील के शौर्य की गाथा वर्ष 1857 के बाद उभरी। जननायक टंट्या ने ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ग्रामीण आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार की खिलाफत की। दिलचस्प पहलू यह है कि स्वयं प्रताड़ित अंग्रेजों की सत्ता ने जननायक टंट्या को इण्डियन रॉबिनहुड का खिताब दिया। मध्यप्रदेश के जननायक टंट्या भील को वर्ष 1889 में फाँसी दे दी गई। ऐसे महान योद्धा के जीवन संघर्ष से आमजनमानस को रुबरु करवाने के लिए ही नाटक तैयार किया जा रहा है, जिसका मंचन कार्यशाला के समापन उपरांत विभिन्न जगहों पर किया जाएगा। कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले कलाकारों में अंकित कुमार, ललित शर्मा, पारस शर्मा, पार्थ, जसनूर, मित्ता जटैन, ईशांत, जसनूर थिंद, अभिषेक कुमार, मनोज, कुलदीप, सूर्यांश चावला, तुषार, रघुबीर सिंह, रमन कुमार, सौरभ, नीरज आदि शामिल हैं।