बुजुर्गों के प्रति अपनापन दिखाएं, भूलने की बीमारी से बचाएं
26 सितंबर तक चलेगा राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरुकता सप्ताह
कन्नौज, प्रशांत कुमार त्रिवेदी
वृद्धावस्था की तमाम समस्याओं में से एक अल्जाइमर भी है जिसे भूलने की बीमारी कहा जाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ कई बार भूलने के गंभीर लक्षणों के साथ सामने आता है । इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर्स-डिमेंसिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है ताकि घर -परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियां लायी जा सकें ।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.राम मोहन तिवारी ने बताया कि 20 से 26 सितंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरुकता सप्ताह के तहत जिले में विभिन्न कार्यक्रमों व गोष्ठियों के जरिए इस बीमारी की सही पहचान और बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता लाने की बड़ी कोशिश की जा रही है।
उन्होंने इस रोग व इससे बचाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अल्जाइमर एक मस्तिष्क रोग है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इसके कारण याददाश्त में कमी और परिवर्तन अनियमित व्यवहार तथा शरीर की प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाता है। अल्जाइमर रोग का सबसे सामान्य रूप डिमेंशिया है। इसके परिणामस्वरूप याददाश्त व सोचने की क्षमता में कमी हो जाती हैं।
डॉ.तिवारी ने बताया कि इस भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें। नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं। पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो यह बीमारी नहीं घेर सकती। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योगा को अपनाकर इससे बचा जा सकता है। दिनचर्या को नियमित रखें क्योंकि अनियमित दिनचर्या इस बीमारी को बढ़ाती है। साथ ही परिवार के सभी सदस्य बुजुर्गों के प्रति अपनापन रखें। अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरंदाज बिल्कुल न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें। ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें। निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें।
अल्जाइमर के लक्षण
बार-बार एक ही बात और प्रश्न दोहराना।
रात में नींद न आना।
डिप्रेशन, उदासीनता व समाज से दूरी बनाना।
रखी हुई चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना।
आंखों की रोशनी कम होने लगना।
छोटे-छोटे कामों में भी परेशानी होना।
अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना।
बोलने में दिक्कत – सही शब्द न निकल पाना।