क्षेत्रीय लेखपाल द्धारा सैकड़ों लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने से नाराज ग्रामीणों नें उप-जिलाधिकारी/तहसीलदार को सौपा ज्ञापन, कार्यवाही की मांग।मामला देवरिया गांव का।
मेंहनगर (आजमगढ़)स्थानीय तहसील मुख्यालय पर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे देवरिया गांव के आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के साथ क्षेत्रीय लेखपाल द्धारा एक तरफा कार्यवाही करते हुए 139 लोगों पर गलत आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लेकर उप-जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार गरिमा रानी जायसवाल को सौपते हुए मामले की जांच और लेखपाल के निलंबन की मांग की।
विगत 15 सितंबर2021 को तहसील मुख्यालय पर मत्स्य पालन करने हेतु पूर्व में प्रकाशित टेण्डर प्रक्रिया के तहत पोखरी नीलामी का शिविर लगाया गया था।जिसमें देवरिया गांव के पोखरी गाटा संख्या 292 रकबा 0.7050 हेक्टेयर को लेखपाल के रिपोर्ट के आधार पर निलामी बोली लगाई जा रही थी।उक्त पोखरी पूर्व प्रधान को की जा रही थी वह राजस्व बकाएदारों की सूची में सम्मिलित था। जो पट्टे के लिए अपात्र था।जिसके लिए गांव के वर्तमान प्रधान अदालत सरोज सहित दर्जनों ग्रामीणों ने शिकायती प्रार्थना पत्र के माध्यम से तहसीलदार मेंहनगर को निलामी निरस्त करने के लिए दिया था।जिसपर अभी कार्यवाही होनी बाकी थी।शिकायती प्रार्थना पत्र से नाराज पूर्व प्रधान दलसिंगार /पट्टेदार और लेखपाल ने ब्यक्ति विशेष के प्रभाव में गांव के वर्तमान प्रधान और 139 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया।जिससे ग्रामीणों में लेखपाल की एक तरफा कार्यवाही से आक्रोश व्याप्त था ,जिसके क्रम में आज ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौप लेखपाल के विरुद्ध कठोर कार्यवाही और निलंबन की मांग की है।
तहसीलदार से वार्ता के दौरान प्रधान सहित ग्रामीणों ने आरोप लगाया किक्षेत्रीय लेखपाल द्धारा वरासत में सुविधा शुल्क मांगा जाता है ।जबकि वर्तमान प्रधान अदालत सरोज ने कहा कि गांव की खाली जमीन को पात्रों को पट्टा करने के लिए लेखपाल द्धारा 50 हजार रुपये की मांग प्रति ब्यक्ति की जाती है। वर्ष 2012 में नायब तहसीलदार मेंहनगर की रिपोर्ट आख्या पर उक्त पोखरे की नीलामी निरस्त कर दी गई थी।और यह ग्रामसभा के अधीन थी ,और विगत 8 वर्षों तक किसी द्धारा मछली के बच्चे डाले ही नहीं गए।बावजूद इसके पोखरे में 40 से 50 कुतंल मछली पकड़ने का आरोप लेखपाल द्धारा गलत लगाया गया है।और नीलामी ग्रहीता नहीं गरीब और नहीं पात्र है तो उक्त पोखरा आवंटित कैसे कर दिया गया।ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान और लेखपाल पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के गाटा सं 315 रकबा 80 एयर पर जो खलिहान की जमीन है अनिधिकृ कब्जा कर चहारदीवारी और चैनल गेट लगा दिया गया है।वहीं गाटा संख्या 402 पर अवैध रूप से पोखरा का निर्माण कार्य कर मत्स्य पालन किया जा रहा है।इस लिए इस प्रकरण की जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।
ज्ञापन में उल्लिखित शिकायत क्रम में जब मेंहनगर तहसीलदार गरिमा रानी जायसवाल से पूछा गया तो उनहोने बताया कि प्रधान सहित ग्रामीणों द्धारा लगाए गए आरोपों की जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।इस मौके पर देवरिया गांव के सैकड़ों ग्रामीणों के साथ ही मेंहनगर प्रधानसंघ के अध्यक्ष एहतराम खांन,प्रधान अविनाश सिंह, ओमप्रकाश यादव ,कन्हैया यादव,अखिलेश राम,भी मौजूद रहे।