उत्तराखंड:-कोविड-19
एक साल पहले से आज तक का कोरोना का सफर जानिए,
हल्द्वानी से अंकुर की रिपोर्ट
1 साल पहले से आज तक का कोरोना का सफर जानिए हमारी रिपोर्ट में
भारत में कोरोना जिस प्रकार अपने आतंक फैलाया था इस आतंक को आज से ठीक एक साल पहले भारत में कोरोना का पहला मरीज मिला था. कोरोना से बचने चीन के वुहान से लौटी केरल की छात्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. भारत में ये कोरोना की शुरुआत थी. कोरोना के पहले केस को आज एक साल हो गया है. तब से लेकर अब तक कोरोना ने जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित किया है. जानिए महामारी के दौरान पिछले एक साल का सफर इस प्रकार है
कोरोना की शुरुआत
फरवरी में चीन के वुहान से लौटे कुछ छात्रों का रिपोर्ट पाजिटिव आई थी. 4 मार्च को पहली बार संक्रमण ने दहाई का आंकड़ा छुआ. तब एक साथ 22 केस मिले थे. 12 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 साल के बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई. देश में कोरोना की वजह से ये पहली मौत थी.
1000 केस – 28 मार्च
1 लाख केस – 19 मई
10 लाख केस – 17 जुलाई
1 करोड़ मामले – 18 दिसंबर
देश में पहला लॉकडाउन
कोरोना के बढ़ते केसों के बीच 25 मार्च को प्रधानमंत्री ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की. यह 21 दिनों के लिए लगाया गया था. हालांकि बाद में लॉकडाउन को बढ़ाया गया. इस दौरान प्रवासी मजदूरों की तस्वीरों ने पूरे देश का ध्यान खींचा. लॉकडाउन में मजदूरों को भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल करने पर मजबूर होना पड़ा.
जून- अनलॉक की शुरुआत
1 जून को देश में पहले अनलॉक की घोषणा की गई. अनलॉक में मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को गाइडलाइन के साथ खोला गया. अनलॉक होते ही कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ. 1 जून को जहां 8392 केस मिले थे जो 30 जून को बढ़कर 18 हजार से भी ज्यादा हो गए.
सितंबर ने ढाया सितम
सितंबर 2020 में भारत में कोरोना की वजह से हाहाकार मचा हुआ था. रोजाना 75 से 90 हजार के बीच मामले आ रहे थे. 15 सितंबर को कोरोना से 1290 लोगों की जान गई जो एक दिन में होने वाली मौतों का नया रिकॉर्ड था. देश में ये कोरोना का पीक था. इसके बाद संक्रमण फैलने की रफ्तार में गिरावट होने लगी
नए साल मे मिला वैक्सीन का तोहफा
2 जनवरी को देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोवीशील्ड को आपात इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दी गई. इसके ठीक एक दिन बाद भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी अप्रूवल मिला. भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल 15 जुलाई से शुरु किया था. अभी भारत में इन दोनो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है. दोनों ही वैक्सीन के दो-दो डोज दिए जाने है.
कैसा रहेगा आगे का सफर
आज (30 जनवरी 2021) को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक और वैक्सीन के ट्रायल के लिए आवेदन किया है. सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने ट्वीट कर बताया कि इसी साल जून तक नई वैक्सीन के आने की संभावना है.
भारत सरकार ने पिछले साल 5 अक्टूबर को कहा था कि जुलाई 2021 तक देश में 20 से 25 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगा दिया जाएगा. 16 जनवरी से देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरु किया गया.
लगभग 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर्ड कम्यूनिटी विकसित करने के लिए भी 60-70 करोड़ लोगों की टीका लगाने की जरूरत है. पूरी आबादी को कब तक वैक्सीन लगेगी इसे लेकर कोई मामला स्पष्ट नहीं है. फिलहाल भारत में केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही टीका लगाया जा रहा है.